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31-May-2025 09:58 AM
By First Bihar
Magahi Haat and Bhojpuri Haat in patna: अब पटना को एक नया सांस्कृतिक और व्यापारिक केंद्र मिलने जा रहा है — ‘मगही हाट’। यह हाट न केवल मगध की पारंपरिक विरासत को एक नया मंच देगा, बल्कि स्थानीय उत्पादों को भी बड़ा बाजार उपलब्ध कराएगा।
इस हाट में सत्तू, लिट्टी-चोखा, बड़ी रोटी, मखाना खीर जैसे पारंपरिक भोजपुरिया व्यंजन मिलेंगे। कैमूर की पहाड़ियों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए किसान और वनवासी अपनी उपज—जैसे जड़ी-बूटियाँ, अनाज, शहद, बांस से बने सामान आदि—सीधे ग्राहकों को बेच सकेंगे .साथ ही, यहाँ पर स्थानीय हस्तशिल्प, लकड़ी के खिलौने, मिट्टी के बर्तन, पारंपरिक कपड़े और कलाकृतियाँ भी बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी। यह जगह पारंपरिक विवाह जैसे आयोजनों के लिए भी उपयुक्त स्थल के रूप में उभरेगी।
हेक्सा भवन में बनेगा मगही हाट
यह हाट पटना के गांधी मैदान के पास स्थित हेक्सा भवन में विकसित किया जाएगा, जो फिलहाल खंडहरनुमा स्थिति में है। सरकार द्वारा इसे पूरी तरह से पुनर्निर्मित किया जाएगा। 48.96 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह हाट जून 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा। यहाँ अंडरग्राउंड पार्किंग, फायर फाइटिंग सिस्टम, लिफ्ट और सीसीटीवी जैसी आधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी।
‘वोकल फॉर लोकल’ को देगा मज़बूती
मगही हाट का डिज़ाइन दिल्ली हाट और मिथिला हाट की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। पर्यटक यहाँ गंगा की ठंडी हवाओं के साथ मगध के पारंपरिक व्यंजन और हस्तशिल्प का आनंद ले सकेंगे। तीन मंजिलों वाले इस इम्पोरियम में दो रेस्टोरेंट, बच्चों के लिए गेम ज़ोन और शिल्प उत्पादों की दुकानें होंगी। यह पहल ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को मजबूती प्रदान करेगी और स्थानीय कलाकारों व उत्पादकों को स्थायी मंच और बाजार मुहैया कराएगी।
मिथिला हाट है बिहार का पहला सांस्कृतिक हाट
फिलहाल बिहार में मिथिला हाट (झंझारपुर, मधुबनी) एकमात्र सांस्कृतिक हाट है, जो 26 एकड़ में फैला हुआ है। यहाँ 4500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। परंपरागत उपकरण जैसे ढेकी, जांता और उखैड़ को संरक्षित किया गया है। महिलाएं आज भी मिट्टी के तवे पर मडुआ और मक्के की रोटियाँ सेंकती हैं और ठरिया साग, तिलकोर का तरुआ, दूध बगिया और बैगन का चोखा जैसे स्वादिष्ट व्यंजन पर्यटकों को परोसे जाते हैं।