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26-Nov-2025 01:12 PM
By First Bihar
समस्तीपुर जिले के पटोरी प्रखंड स्थित उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय, शाहपुर उंडी में एक शिक्षक पर छात्र की बेरहमी से पिटाई कर उसका हाथ तोड़ देने का गंभीर आरोप लगा है। मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। पीड़ित छात्र कक्षा सात में पढ़ने वाला दिव्यांशु राज है, जिसकी मां ज्योति कुमारी ने इस घटना की शिकायत डीएम, डीईओ, एसडीओ और थाना अध्यक्ष से लिखित रूप में की है। शिकायत के साथ उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
क्या है पूरा मामला?
ज्योति कुमारी का कहना है कि उनका पुत्र दिव्यांशु 22 नवंबर, रोज की तरह विद्यालय गया था। तीसरी घंटी में शिक्षक अनुराग ने उसे बिना किसी कारण के छड़ी से पीटना शुरू कर दिया। आरोप है कि इसी पिटाई में छात्र का बायां हाथ टूट गया। जब मां जानकारी लेने विद्यालय पहुंची तो अन्य शिक्षकों ने आरोपी शिक्षक का साथ देते हुए मामले को दबाने की कोशिश की। ज्योति कुमारी के अनुसार, उलटे उनसे ही बदसलूकी की गई और विद्यालय से बाहर निकाल दिया गया।
पीड़ित की मां द्वारा अधिकारियों को दिए गए आवेदन में यह भी कहा गया है कि स्कूल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है और पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। वायरल वीडियो में छात्र के हाथ पर प्लास्टर साफ देखा जा सकता है, साथ ही एक्स-रे रिपोर्ट भी मां ने दिखाया है जिसमें फ्रैक्चर की पुष्टि बताई जा रही है। वीडियो में मां रो-रोकर अपने बच्चे पर हुए अत्याचार की आपबीती सुना रही है।
इस पूरे मामले में जब आरोपी शिक्षक अनुराग से संपर्क किया गया तो उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि दिव्यांशु को केवल एक-एक छड़ी मारी गई थी, जो स्कूल अनुशासन के तहत दी जाने वाली हल्की सजा थी। उनका कहना है कि दो छात्राओं ने दिव्यांशु और एक अन्य छात्र पर उन्हें परेशान करने की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें जांच के लिए कक्षा में भेजा गया था।
अनुराग ने दावा किया कि उन्होंने किसी प्रकार की ऐसी पिटाई नहीं की जिससे छात्र का हाथ टूट सकता था। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया है और तनाव के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके चलते वह अस्पताल में भर्ती हैं। शिक्षक का कहना है कि उन्हें इस घटना में गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।
विद्यालय के हेडमास्टर प्रियरंजन दास रंजन ने भी छात्र और उसकी मां के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। हेडमास्टर के अनुसार, जिस समय घटना होने का दावा किया जा रहा है, उस समय दिव्यांशु ने किसी भी शिक्षक या छात्र को कुछ नहीं बताया। उनका कहना है कि तीसरी घंटी में हाथ टूटने की बात पूरी तरह संदिग्ध है, क्योंकि घटना के बाद भी छात्र सामान्य तरीके से पूरे स्कूल समय में मौजूद रहा।
हेडमास्टर ने कहा, “अगर किसी छात्र का हाथ टूट जाए तो वह सामान्य रूप से घंटियां पूरी नहीं कर सकता। वह दर्द के कारण तुरंत शिकायत करता या घर चला जाता। ऐसे में यह आरोप समझ से परे है।” उन्होंने यह भी कहा कि वायरल वीडियो और शिकायत में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
जांच की मांग और प्रशासन की भूमिका
पीड़ित परिवार ने अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग की है। ज्योति कुमारी ने कहा कि यदि जरूरत हुई तो वे उच्च अधिकारियों और महिला आयोग तक भी जाएंगे। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर सकता है। हालांकि अभी तक किसी भी अधिकारी की ओर से आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
इस घटना ने क्षेत्र में बड़ी बहस छेड़ दी है। लोग इसे स्कूल अनुशासन बनाम शिक्षक के दुरव्यवहार का मामला बता रहे हैं। कुछ लोग छात्रा के पक्ष में हैं तो कुछ शिक्षक का बचाव कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद दबाव बढ़ गया है कि प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई करे।
फिलहाल मामला आरोप-प्रत्यारोप के बीच उलझा हुआ है। छात्र और उसकी मां अपने आरोपों पर अडिग हैं, जबकि शिक्षक और स्कूल प्रशासन इसे मनगढ़ंत बता रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन और शिक्षा विभाग इस पूरे मामले की जांच में क्या निष्कर्ष निकालते हैं। जब तक सत्य सामने नहीं आ जाता, क्षेत्र में चर्चा और विवाद जारी रहने की पूरी संभावना है।