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06-Jan-2025 08:34 PM
By First Bihar
PATNA: पटना के बेऊर जेल से छूटने के बाद जन सुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाकर पत्रकारों को संबोधित किया और कहा कि जन बल के आगे कोई बल नहीं है। अनशन आगे भी जारी रहेगा लेकिन अब यह मामला पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ही निपटेगा। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि दो घंटे पहले जिस प्रशांत किशोर को बिहार पुलिस पकड़ कर जेल ले गई थी। कोर्ट में माननीय न्यायालय ने हमें अकंडिशनल बेल दिया है।
मैं अपनी बातों में हमेशा कहता हूं कि जन बल के आगे कोई बल नहीं है। जनता के लिए किया गया सत्याग्रह का प्रभाव है । आश्चर्यजनक बात है कि जिस प्रशांत किशोर को पुलिस ने डिटेन किया। पुलिस के अनुसार कोर्ट ने कंडिशनल बेल दिया। इसे हमने अस्वीकार किया। पुलिस मुझे बेउर जेल ले गई। लेकिन मुझे बेउर जेल में नहीं रखा। पुलिस के पास पेपर ही नहीं था। उस पेपर के इंतजार में बैठे रहे।
मैटर को फिर से आर्ग्यू किया गया। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस पर टिप्पणी की है और हमारी बात को वैलिडेट किया है कि गांधी मैदान में बैठकर शांतिपूर्ण सत्याग्रह किसी कानन का उल्लंघन नहीं है। पूरे दिन के अनुभव में मैंने ये देखा कि सैकड़ो पुलिस वाले जनसुराजी हैं। एम्स में डॉ. ने कहा कि हम 3 साल से जनुसराजी हैं।
बता दें कि पटना में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को बेऊर जेल से बिना शर्त जमानत मिल गई है। बेल बॉन्ड भरने से इनकार करने के बावजूद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है। प्रशांत किशोर को बेल बॉन्ड भरने से इनकार करने के कारण बेऊर जेल भेजा गया था।
दरअसल, बीपीएससी परीक्षा को रद्द कराने के लिए गांधी मैदान में पिछले दो जनवरी से प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। प्रतिबंधित क्षेत्र में आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को पटना के जिला प्रशासन ने कई बार हिदायत दी कि अगर उन्हें धरना ही देना है तो वह हाई कोर्ट द्वारा निर्धारित स्थल गर्दनीबाग में जाकर आमरण अनशन करें। जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी किए जाने के बाद भी पीके अपनी जिद्द पर अड़े रहे।
आखिरकार जिला प्रशासन के निर्देश पर पटना पुलिस ने 6 जनवरी की सुबह सुबह प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया। पीके को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उनका मेडिकल टेस्ट कराने के बाद उन्हें पटना सीविल कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां कोर्ट ने 25 हजार के बेल बॉन्ड पर शर्तों के साथ जमानत दे दी।
कोर्ट ने शर्त रखी कि प्रशांत किशोर अब दोबारा से प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे हालांकि प्रशांत किशोर ने कोर्ट की इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया और बॉन्ड भरने से मना कर दिया। प्रशांत किशोर को चार बजे तक का समय दिया गया था लेकिन जब उन्होंने बेल बॉन्ड नहीं भरा तो आखिरकार उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया गया था, हालांकि करीब चार घंटे बाद में उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी गई।