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स्कूली बच्चों की सुरक्षा को बसों में ये डिवाइस जरूरी.. नहीं तो एक अप्रैल से कार्रवाई

राज्य में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब सभी स्कूल बसों में एक अप्रैल तक सीसीटीवी, जीपीएस और स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य होगा। बसों की गति सीमा भी 40 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक नहीं होगी।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को बसों में ये डिवाइस जरूरी.. नहीं तो एक अप्रैल से कार्रवाई

06-Mar-2025 07:56 AM

By FIRST BIHAR

Bihar News : राज्य में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब सभी स्कूल बसों में एक अप्रैल तक सीसीटीवी, जीपीएस और स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य होगा। बसों की गति सीमा भी 40 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक नहीं होगी। नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। 


परिवहन विभाग ने सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि नियमों का सख्ती से पालन कराएं। उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने को भी कहा गया है। स्कूल वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस, पैनिक बटन, अग्निशामक यंत्र, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स रखना भी अनिवार्य किया गया है। 


बसों और अन्य वाहनों की बॉडी सुनहरे पीले रंग की होगी। साथ ही, प्रत्येक स्कूल वाहन में रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगाना भी अनिवार्य होगा। जीपीएस और कैमरे की मॉनिटरिंग यातायात पुलिस और परिवहन विभाग करेगा। हालांकि 14 सीट से कम क्षमता वाले वाहनों को सीसीटीवी लगाने से छूट दी गई है। 


विद्यालय संचालकों को स्कूली बसों में बच्चों को चढ़ाने एवं उतारने के लिए ट्रांसपोर्ट प्रबंधक की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया है। बालिका विद्यालयों के मामले में महिला ट्रांसपोर्ट प्रबंधक की नियुक्ति करना जरूरी होगा। साथ ही, विभाग ने सभी डीटीओ को यह भी निर्देश दिया है कि चालकों की शारीरिक एवं मानसिक फिटनेस की समय-समय पर कैंप लगाकर जांच कराएं।


साथ ही, अब सभी स्कूली वाहनों पर आगे और पीछे स्पष्ट अक्षरों में ऑन स्कूल ड्यूटी या स्कूल वैन लिखना अनिवार्य होगा। इस संबंध में परिवहन मंत्री शील मंडल ने भी कहा कि राज्य में स्कूली बच्चों की शत प्रतिशत सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के स्कूल बसों में जीपीएस, सीसीटीवी और स्प्ीड गवर्नर लगाने का निर्देश दिया गया है। नियम का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई का निर्देश भी जारी कर दिया गया है। 


इस नियमावली का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। स्कूली बच्चों की घर से विद्यालय तक एवं वापस घर तक सुरक्षित यात्रा हर हाल में होनी चाहिए। जिला परिवहन पदाधिकारी तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी इसका अनुपालन कराएंगे। प्रमंडलीय आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित कराएं कि उनके जिलों के सभी विद्यालयों में बाल परिवहन समिति अनिवार्य रूप से गठित एवं क्रियाशील हो।