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26-Dec-2025 11:00 AM
By First Bihar
Rabri Devi residence : पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी आवास से देर रात फूलों के गमले और अन्य सामान निकाले जाने की तस्वीरें और वीडियो सामने आते ही बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कड़ाके की ठंड के बीच सियासी तापमान अचानक हाई हो गया है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आरोप–प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है और यह मामला अब केवल एक सरकारी आवास खाली करने तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसे नैतिकता, परंपरा और राजनीतिक प्रतीकों से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल, चर्चा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी अपना सरकारी आवास खाली कर रही हैं। यह वही आवास है, जहां वे पिछले करीब 20 वर्षों से रह रही थीं। इसी आवास से उनके बेटे-बेटियों की शादियां हुईं, कई बड़े राजनीतिक फैसले लिए गए और लालू-राबड़ी परिवार की राजनीति का एक लंबा दौर गवाह बना। ऐसे में इस आवास से सामान निकलने की तस्वीरें सामने आना स्वाभाविक रूप से राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
गुरूवार की रात अचानक छोटी गाड़ियों में गमले, फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान आवास परिसर से बाहर ले जाए गए। सूत्रों और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि इन सामानों को लालू प्रसाद यादव के गोशाला परिसर में शिफ्ट किया गया है। हालांकि, इस पर राबड़ी देवी या राजद की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है, जिससे स्थिति और रहस्यमयी बन गई है।
इस पूरे मामले पर जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मकान खाली करने की प्रक्रिया का राजनीतिकरण किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि यह एक प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रिया है, जिसे सियासी रंग देने की जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि बंगला खाली करते समय सरकारी संपत्ति को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए। जदयू प्रवक्ता ने लालू प्रसाद यादव को नैतिकता का आईना दिखाते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए नियमों की दुहाई देने वाले नेताओं को विपक्ष में आने के बाद भी नियमों का पालन करना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर, जेडीयू ने इस मुद्दे पर और आक्रामक रुख अपनाया है। शुकवार को जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि सरकारी नोटिस जारी हुए एक माह से अधिक समय बीत चुका है, ऐसे में राबड़ी देवी आवास को जल्द से जल्द खाली किया जाना चाहिए। जेडीयू का आरोप है कि नियम सभी के लिए समान होने चाहिए और किसी भी नेता या राजनीतिक परिवार को विशेष सुविधा नहीं मिलनी चाहिए। भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि वर्षों तक एक सरकारी आवास पर कब्जा बनाए रखना जनता के पैसे का दुरुपयोग है।
राजद की ओर से हालांकि आधिकारिक प्रतिक्रिया सीमित रही है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह सब राजनीतिक दबाव के कारण हो रहा है। राजद नेताओं का आरोप है कि मौजूदा सरकार विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए इस तरह के मुद्दों को हवा दे रही है। उनका कहना है कि राबड़ी देवी को बतौर पूर्व मुख्यमंत्री कुछ सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं और अब अचानक कार्रवाई करना राजनीतिक दुर्भावना को दर्शाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 10 सर्कुलर रोड केवल एक आवास नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति का एक बड़ा प्रतीक रहा है। लालू प्रसाद यादव के सत्ता में आने से लेकर उनके पतन और अब विपक्ष में संघर्ष तक, इस बंगले ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। ऐसे में इसे खाली करना राजद के लिए भावनात्मक और राजनीतिक दोनों ही स्तर पर महत्वपूर्ण है। वहीं सत्ताधारी दल इसे कानून के शासन और नैतिकता के सवाल से जोड़कर पेश कर रहा है।
कुल मिलाकर, राबड़ी देवी आवास से सामान निकलने की घटना ने बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि यह प्रक्रिया केवल प्रशासनिक औपचारिकता तक सीमित रहती है या फिर यह मुद्दा विधानसभा और सड़क से लेकर चुनावी मंच तक गूंजता है। फिलहाल, देर रात की तस्वीरों ने इतना तो तय कर दिया है कि बिहार की सियासत में ठंड के मौसम में भी गरमी बरकरार रहने वाली है।