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05-Jul-2025 08:05 PM
By First Bihar
PATNA: भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई की है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में दर्ज कांड में दो लोगों को दोषी करार दिया गया है। निगरानी कोर्ट के न्यायाधीश मोहम्मद रूस्तम की अदालत ने विद्युत बोर्ड के सहायक इंटेलिजेंस ऑफिसर अशोक कुमार कश्यप और उनके दलाल अनिल कुमार सिंह को दोषी ठहराया।
अशोक कश्यप को एक साल की सजा और 10 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया है। भ्रष्टाचार से जुड़ी दो धाराओं में एक-एक साल की सजा और जुर्माना लगाया गया है हालांकि दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। आर्थिक जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर एक महीने का अतिरिक्त कारावास होगा। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी। वही दूसरे अभियुक्त अनिल कुमार सिंह को एक साल का सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदंड लगाया गया है।
विद्युत बोर्ड पटना के सहायक इंटेलिजेंस ऑफिसर अशोक कुमार कश्यप के खिलाफ शिकायतकर्ता ने यह आरोप लगाया कि वो पूर्व से बिजली कनेक्शन लिए हुए थे फिर भी आरोपी अशोक कुमार कश्यप अपने आप को विजिलेंस का अधिकारी बताते हुए उन पर दबाव डालकर रिश्वत की मांग किये और धमकी दिये कि लोड वेरिफिकेशन एवं बिजली चोरी की रिपोर्ट करके पूर्व की तिथि से जुर्माना करते हुए जेल भिजवा देंगे। 11 सितंबर 2006 को दोनों आरोपियों को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने दस हजार रूपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
इस मामले का तत्कालीन अनुसंधानकर्ता और निगरानी अन्वेषण ब्यूरों के पुलिस उपाधीक्षक विजय कुमार श्रीवास्तव ने सटीक और समय पर आरोप-पत्र दायर किया। बिहार सरकार की ओर से किशोर कुमार सिंह विशेष लोक अभियोजक प्रभारी निगरानी (ट्रैप केसेज) ने प्रभावी तरीके से पैरवी की और आरोपी को दोष सिद्ध कराने में सफलता हासिल की। आरोपी अशोक कुमार कश्यप, सहायक इंटेलिजेंस ऑफिसर,विद्युत बोर्ड,पटना को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7 में 01 (एक) वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000/- (दस हजार) रू० का अर्थदण्ड लगाया गया एवं धारा-13 (2) सह पठित धारा-13 (1) (डी) में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,00०/- (दस हजार) रू० का अर्थदण्ड लगाया गया है।
अर्थदण्ड की राशि जमा नहीं करने पर एक महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास होगा। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी। जबकि दूसरे अभियुक्त अनिल कुमार सिंह को भा०द०वि० की धारा-120B में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000/- (दस हजार) रू० का अर्थदण्ड लगाया गया है। इस प्रकार वर्ष 2025 में अब तक कुल 13 ट्रैप मामलों में न्यायालय द्वारा सजा सुनायी जा चुकी है। पिछले वर्ष 2024 में कुल 18 मामलों में सजा सुनायी गयी थी। इस प्रकार इस वर्ष न्यायालयों द्वारा अधिक मामलों में सजा सुनाये जाने की कार्यवाही की गयी है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा अभियोजन की कार्यवाही लगातार जारी है।