India pakistan war 2025: जानिए क्या होता है 'काइनेटिक' और 'नॉन-काइनेटिक' हमला...भारत ने पाकिस्तान पर किया दोनों का इस्तेमाल! India Pakistan War: पाकिस्तान की मदद करने खुलकर मैदान में उतरा तुर्की, इस गद्दार को सबक सिखाने का भारत के पास सुनहरा अवसर S-400 Missile defence system: पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को भारत ने S-400 डिफेंस सिस्टम से किया नाकाम, जानिए इस घातक हथियार की खासियत Bihar News: दोस्तों के संग नहाने गया नाबालिग... लौटा ही नहीं, गाँव में छाया मातम Indian Army response: पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमले नाकाम, भारतीय सेना ने L-70 और शिल्का सिस्टम से दिया करारा जवाब Bihar News: शनिवार को इस रेलखंड पर 7 घंटे का मेगा ब्लॉक, 10 ट्रेनें रद्द, कई रिशेड्यूल Social media rumor: भारत के हवाई अड्डों पर एंट्री बैन की खबर फर्जी, सरकार ने कहा- अफवाहों से बचें Bihar News: सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग अब कार्य के अनुसार, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, नए नियम जारी Bihar border alert: भारत-पाक तनाव के बीच बिहार में हाई अलर्ट, सीमांचल में कल सीएम नीतीश की अहम बैठक S-400: भारत के कई शहरों को बर्बादी से बचाने वाला 'सुदर्शन', कभी USA को ठेंगा दिखाते हुए भारत ने 'सच्चे मित्र' से था खरीदा
07-May-2025 12:06 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी, पटना के वाइस चांसलर डॉ. इंद्रजीत सिंह की नियुक्ति को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इस संबंध में राजेंद्र कुमार बघेरवाल नामक व्यक्ति ने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें डॉ. सिंह पर अपने अतीत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ छिपाकर वाइस चांसलर पद प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता के अनुसार, डॉ. इंद्रजीत सिंह की नियुक्ति से पहले वह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) में प्रिंसिपल साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत थे। उनके विरुद्ध 7 अगस्त, 2003 से एक अनुशासनात्मक कार्रवाई का मामला लंबित है, जिसका संबंध सेवा में रहते हुए की गई कथित अनियमितताओं से है।
इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पहले कार्यवाही पर रोक लगाई थी, जिसे 2024 में निष्पादित किया गया। कोर्ट ने ICAR को निर्देश दिया कि या तो डॉ. सिंह को उनके सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान किए जाएं या फिर उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस के आधार पर कार्रवाई की जाए। इसके बाद ICAR ने उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया, जो अब भी लंबित है। इतना ही नहीं, याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि डॉ. सिंह के खिलाफ एक अन्य मामले में जमानती वारंट भी जारी हुआ था, जिसे बाद में निष्पादित किया गया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि 2024 में जब बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया, तब डॉ. इंद्रजीत सिंह ने अपनी अयोग्यता से संबंधित तथ्य और अपने खिलाफ चल रहे मामलों की जानकारी छिपाई। उन्होंने गलत तथ्यों के आधार पर आवेदन दिया और चयनित हो गए। याचिकाकर्ता ने सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत विश्वविद्यालय के पब्लिक इनफार्मेशन ऑफिसर से नियुक्ति से संबंधित दस्तावेजों की मांग भी की थी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आरोप लगाया कि इस नियुक्ति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है।
याचिकाकर्ता के वकील अधिवक्ता रौशन ने बताया कि इस मामले में सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (राज्यपाल) को भी प्रस्तुत की गई है। उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता का उल्लंघन है, बल्कि उच्च शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है। अब इस मामले की पटना हाईकोर्ट में शीघ्र सुनवाई की संभावना है और यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो वाइस चांसलर की नियुक्ति रद्द हो सकती है।