अगुवानी–सुल्तानगंज पुल का मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण, मई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य Pawan Singh Threat Case: ‘हम जो करते हैं खुलेआम करते हैं, पवन सिंह को धमकी नहीं दी’, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ऑडियो आया सामने Pawan Singh Threat Case: ‘हम जो करते हैं खुलेआम करते हैं, पवन सिंह को धमकी नहीं दी’, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ऑडियो आया सामने बिहार में फिर एक घूसखोर गिरफ्तार: चाय के दुकान पर 15 हजार घूस लेते होमगार्ड जवान को निगरानी ने दबोचा राबड़ी देवी की याचिका पर CBI का कड़ा विरोध: कहा..अदालत को बदनाम नहीं कर सकते, न ही जज पर सवाल उठाए जा सकते हैं रांची एयरपोर्ट पर इंडिगो विमान की हार्ड लैंडिंग, रनवे से टकराया पिछला हिस्सा बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी: शादी के महज 9 दिन बाद बॉयफ्रेंड के साथ फरार हो गई नई नवेली दुल्हन, गहने और पैसे ले गई साथ बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी: शादी के महज 9 दिन बाद बॉयफ्रेंड के साथ फरार हो गई नई नवेली दुल्हन, गहने और पैसे ले गई साथ बिहार में एक ही ट्रैक पर आ गईं चार ट्रेनें, हलक में अटकी यात्रियों की जान; जानिए.. फिर क्या हुआ? बिहार में एक ही ट्रैक पर आ गईं चार ट्रेनें, हलक में अटकी यात्रियों की जान; जानिए.. फिर क्या हुआ?
03-Feb-2025 07:33 AM
By First Bihar
Nitish cabinet : बिहार की 25 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की डीपीआर (विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन) तैयार हो गई है। इसको लेकर ग्रामीण कार्य विभाग अब तक 20 जिले की सड़कों की मंजूरी लोक वित्त समिति से ले चुका है। बाकी जिलों की सड़कों की भी मंजूरी जल्द ही ली जाएगी। इसके बाद राज्य की नीतीश कैबिनेट से इन सड़कों की मंजूरी ली जाएगी।
वहीं, सरकार के कैबिनेट से मंजूरी के बाद सभी सड़कों के निर्माण के लिए चरणवार तरीके से निविदा यानी टेंडर जारी हो जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकतम एक साल के भीतर सड़कों का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार लगभग 25 हजार किलोमीटर ऐसी ग्रामीण सड़कें हैं जो मरम्मत अवधि से बाहर हो चुकी हैं। इन सड़कों की संख्या लगभग 13 हजार है।
निर्माण करने के लिए ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम लागू किया गया है। इसी योजना के तहत पिछले दिनों डीपीआर तैयार करने के लिए एजेंसियों का चयन हुआ। डीपीआर के अनुसार इन सड़कों के निर्माण पर लगभग 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरी ओर, बिहार सरकार ग्रामीण सड़कों की निगरानी एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से करने वाला है।
इधर एआई से ग्रामीण सड़कों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही इनकी मरम्मत और जर्जरता की स्थिति की भी जानकारी ली जाएगी। इससे राज्य सरकार को हर साल 800 करोड़ रुपये की बचत होगी। वैशाली जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस तकनीक का उपयोग किया गया। इसकी सफलता के बाद अब राज्यभर में लागू किए जाने की तैयारी की जा रही है।