मुजफ्फरपुर रेल पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 2025 में अपराध पर प्रहार, 1100 से अधिक आरोपी भेजे गए जेल पटना में 2025 में आधा हो गया क्राइम, पुलिस ने आंकड़े जारी कर किया दावा, 2024 में हुई घटनाओं की तुलना में इस साल बेहद कम वाकये हुए पूर्णिया में बिजली स्मार्ट मीटर रिचार्ज करने के नाम पर ठगी: भाजपा नेता के दो अकाउंट से उड़ाये 85 हजार रुपये Bihar Cabinet: 'मंगल पांडेय' के पास पटना से लेकर दिल्ली तक फ्लैट, सिर्फ 1 अकाउंट में एक करोड़ से अधिक जमा, भंडार में किलो के भाव से सोना-चांदी हिजाब विवाद: डॉ. नुसरत प्रवीण ने आज भी नहीं की नौकरी ज्वाइन, लास्ट डेट खत्म Bihar Cabinet: सम्राट चौधरी के पास कितनी है संपत्ति..साल के अंतिम दिन खुद बताया, रायफल-पिस्टल और भी बहुत कुछ.... Bihar Cabinet: साल के अंतिम दिन CM नीतीश ने घोषित की अपनी संपत्ति, नकद और बैंक में कितना रू है,जानें.... Bihar Police: मोतिहारी नगर निगम का वार्ड पार्षद पति फरार..SP ने 10 हजार रू का इनाम घोषित किया Bihar Transport News: बिहार में गाड़ियों की 'मैन्युअली फिटनेस जांच' पर रोक...कल से लागू होगी नई व्यवस्था, परिवहन मंत्रालय ने भेजा गाईडलाइन 1 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी और रोजगार देगी सरकार, बोले सम्राट चौधरी..बिहार के युवा मजदूरी करने नहीं, सम्मानजनक रोजगार पाने जाएं बाहर
22-Jul-2025 04:41 PM
By FIRST BIHAR
Bihar News: पटना के सेंट केरेंस स्कूल में कक्षा 9वीं की छात्रा आराध्या सिंह ने बड़ा कमाल कर दिया है। मूल रूप से मोतिहारी की रहने वाली 14 साल की आराध्या ने हनुमान चालीसा का अनुवाद 234 भाषाओं में कर एक अनोखा और ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया है।
इसमें अंग्रेजी, स्पैनिश, जापानी, पुर्तगाली, कोरियन, लैटिन, ग्रीक, पंजाबी, मराठी, स्वाती समेत देसी और विदेशी भाषाएं शामिल हैं। यह कार्य उन्होंने पिछले वर्ष छठ पूजा के समय से शुरू किया था और महज 6 महीने में पूरा कर लिया। इसके लिए उन्होंने गुगल ट्रांसलेट और कैनवा ऐप का सहारा लिया।
आराध्या इस अनुवाद को जल्द ही ऑनलाइन पीडीएफ फॉर्मेट में प्रकाशित करने जा रही हैं। इसका फ्रंट पेज भारत के 28 राज्यों की पारंपरिक कलाओं, जिनमें मधुबनी पेंटिंग भी शामिल है, से सजाया गया है। आराध्या का सपना है कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को वैश्विक स्तर पर पहचान मिले।
उन्होंने इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई से समय निकालकर यह काम पूरा किया। वह अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को देती हैं। चिराग पासवान ने इस प्रयास की सराहना करते हुए उन्हें सहयोग देने का आश्वासन भी दिया है।
आराध्या की मां रानी सिंह शिक्षिका हैं और पिता मनोज कुमार सिंह व्यवसायी हैं। चार बहनों में सबसे छोटी आराध्या अब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए आवेदन की तैयारी में हैं। उनके माता-पिता अपनी बेटी की इस असाधारण उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं।