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12-Sep-2025 10:11 AM
By First Bihar
Corruption in Bihar : बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार राय की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। हाल ही में पटना स्थित उनके आवास और समस्तीपुर में दो ठिकानों पर छापेमारी की गई, जहां से जांच टीम को कई अहम सबूत हाथ लगे। इस कार्रवाई में यह खुलासा हुआ कि इंजीनियर राय ने अपने नाम और परिवार के सदस्यों के नाम पर अपार संपत्ति खड़ी कर रखी है।
EOU की जांच में सामने आया है कि विनोद राय ने पटना, दानापुर और कोटा में फ्लैट खरीदे हैं। वहीं एनसीआर क्षेत्र के नोएडा में दो ऑफिस स्पेस, गाजियाबाद, फुलवारी और सोनपुर में कई प्लॉट भी उनके नाम पर मिले हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी बबली राय, बेटी प्रिया राय और बेटे अभिषेक राय के नाम पर समस्तीपुर जिले के रोसड़ा इलाके में दो दर्जन से अधिक संपत्तियों का पता चला है। इनमें आवासीय और कृषि भूमि से लेकर विकासशील तथा लीज पर ली गई प्रॉपर्टी शामिल हैं।
इतना ही नहीं, राय ने अपनी अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा ठेकेदारों की कंस्ट्रक्शन कंपनियों में भी लगाया। जांच में यह भी सामने आया कि उन्होंने अपने साढू और साले के नाम पर बनाई गई ‘जीवा कंस्ट्रक्शन कंपनी’ में भी पूंजी निवेश कर रखा था। यह कंपनी वास्तव में उनकी काली कमाई को खपाने का जरिया बनी हुई थी।
22 अगस्त को पटना स्थित उनके घर पर ईओयू की टीम ने बड़ी कार्रवाई की थी। इस छापेमारी के दौरान 39 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। वहीं घर के अंदर बड़ी मात्रा में जले हुए नोट भी मिले, जिसने पूरे मामले को और सनसनीखेज बना दिया। पूछताछ में सामने आया कि इंजीनियर राय और उनकी पत्नी ने ईओयू की कार्रवाई की भनक लगते ही पूरी रात नोटों को आग के हवाले किया।
दरअसल, सीतामढ़ी में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात रहते हुए विनोद राय अपने वाहन से भारी मात्रा में कैश लेकर पटना आ रहे थे। इस बाबत ईओयू को गुप्त सूचना मिली थी। टीम रात में ही उनके घर पहुंची, लेकिन उस वक्त राय की पत्नी ने दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया और खुद को अकेला बताकर समय गंवाया। इस बीच दंपति ने मिलकर लाखों रुपये के नोट जला डाले। सुबह जब ईओयू की टीम घर के भीतर पहुंची, तो उन्हें जले हुए नोटों का ढेर देखकर हैरानी हुई।
अधिकारियों का कहना है कि यह अब तक के सबसे चौंकाने वाले मामलों में से एक है, क्योंकि इसमें न सिर्फ अवैध संपत्ति का जाल सामने आया, बल्कि सबूत मिटाने की कोशिश भी बेनकाब हुई। फिलहाल विनोद कुमार राय को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनकी संपत्तियों की गहन जांच चल रही है। माना जा रहा है कि जांच में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करेंगे।