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27-Jan-2025 06:13 PM
By Viveka Nand
Corrupt Officers Of Bihar: इन दिनों बेतिया की खूब चर्चा हो रही. चर्चा हो भी क्यों नहीं...बेतिया में एक सरकारी मुलाजिम के ठिकानों पर छापा पड़ा तो कुबेर का खजाना मिला है. बेतिया के उक्त भ्रष्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी के विभिन्न ठिकानों से 3 करोड़ 60 लाख नकदी मिले हैं. जमीन-जायदाद की बात छोड़ दीजिए. बेतिया में लंबे समय से पदस्थापित रहे जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई ने 23 जनवरी को छापेमारी की थी. भ्रष्ट डीईओ के बेतिया से लेकर दरभंगा, मधुबनी में कई ठिकानों पर रेड हुआ. बेतिया और भ्रष्टाचार की चर्चा छिड़ी है तो एक और जानकारी साझा कर देते हैं. वो सरकारी मुलाजिम बेतिया जिले का रहने वाला है, पर है परिवहन विभाग का सेवक. उक्त प्रवर्तन अवर निरीक्षक ने नाबालिग बेटे के नाम पर काफी संपत्ति अर्जित की और सरकार से छुपा लिया या गलत जानकारी दे दी. हालांकि परिवहन दारोगा की पोल खुल गई है.छुपाने वाली चाल में खुद ही घिरते दिख रहे हैं.
परिवहन विभाग के धनकुबेर दारोगा की चालाकी....
परिवहन विभाग के एक धनकुबेर दारोगा ( प्रवर्तन अवर निरीक्षक) हैं. इनके बारे में कहा जाता है कि ये भी इसी जिले के रहने वाले हैं जो इ दिनों करप्शन के मामले में चर्चा में है. परिवहन विभाग के दारोगा ने सरकार की नजरों से बचने को लेकर जबरदस्त खेल खेला. हालांकि इनकी चालाकी धरी गई है. दारोगा जी ने संपत्ति अर्जन में अपने नाबालिक बेटे को आगे किया. नाबालिग के नाम पर नवंबर 2022 में एक दिन में ही114 डिसमिल जमीन की खऱीद की. बेटे को माईनर दिखाया और पत्नी को गार्जियन दिखाया. इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री कराई। चंपारण के शिकारपुर निबंधन कार्यालय में नवंबर 2022 में परिवहन दारोगा ने यह रजिस्ट्री कराई थी. परिवहन दारोगा ने 2023 में दिए संपत्ति के ब्योरे में इस जानकारी को सरकार से छुपाया, पोल खुली तो 2024 में उन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी सरकार को दी . उसमें बेटे के नाम पर अर्जित संपत्ति को मां-दादी से गिफ्ट बता दिया. जबकि जमीन के क्रय के कागजात सबूत के तौर पर है. 2 नवंबर 2022 को परिवहन दारोगा की पत्नी और नाबालिग बेटे के नाम पर अर्जित की गई 114 डिसमिल जमीन को खरीदगी बताई गई है. क्रेता में परिवहन दारोगा की पत्नी और बेटे का नाम है. वहीं विक्रेता में #####ठाकुर के नाम का उल्लेख है. यहां एक और खेल किया गया है...नाबालिग बेटे का पेशा कृषि बताया गया है. वहीं पत्नी को हाउस वाइफ. साथ ही जमीन की खऱीद का सरकारी मूल्य का भी उल्लेख किया गया है. कागजात में लाखों रू मूल्य बताया गया है. जमीन की खरीद करना गलत नहीं पर छुपाना या गलत जानकारी देना गुनाह है .ऐसा करने पर सरकार उसे आय से अधिक संपत्ति बताती है और कार्रवाई करती है.
खरीदगी जमीन को बताया गिफ्टेड...
परिवहन दारोगा ने 2024 के संपत्ति के ब्योरे में बेटे के बारे में लिखा था कि कि''खेती योग्य जमीन 10 कट्ठा जो मां-दादी मां द्वारा गिफ्टेड है.'' जबकि सबूत इसके उलट है. सरकारी कागजात में क्रेता-विक्रेता और सरकारी मूल्य का उल्लेख किया गया है, जो साबित करता है कि किसी ने 114 डिसमिल जमीन बेची और दूसरे शख्स(प्रवर्तन अवर निरीक्षक) की पत्नी-बेटे ने 114 डिसमिल जमीन की खरीद की. अब 2025 है...एक बार फिर से सरकार ने सभी सरकारी सेवकों से चल-अचल संपत्ति का ब्योरा साझा करने को कहा है. अब देखना होगा कि परिवहन विभाग के प्रवर्तन अवर निरीक्षक इस बार कौन सा खेल करते हैं. वैसे ये दारोगा जी अपने ही बुने जाल में उलझते जा रहे हैं. बचने के लिए इस बार कुछ नया प्रयोग किया तो और फंसगे, क्यों कि 2023 और 2024 का ब्योरा सबके सामने है.
चंपारण के रहने वाले हैं प्रवर्तन अवर निरीक्षक
संपत्ति छुपाने के इस खेल में प्रवर्तन अवर निरीक्षक खुद बेनकाब होते दिख रहे हैं. परिवहन दारोगा के बारे में और जान लें. प्रवर्तन अवर निरीक्षक का पैतृक जिला पश्चिम चंपारण है. 2023 में ये परिवहन दारोगा पटना में प्रतिनियुक्त थे. इसके बाद यूपी से सटे जिला में तैनात हो गए। अब संपत्ति के खिलाड़ी ये प्रवर्तन अवर निरीक्षक भागलपुर के क्षेत्र में तैनात हैं. हालांकि सरकार की जांच एजेंसियां ऐसे धनकुबेर सरकारी सेवकों की पड़ताल में जुटी है. वह दिन दूर नहीं जब सरकार की आंखों में धूल झोकने वाले परिवहन विभाग के इस दारोगा बेनकाब हों.