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19-Feb-2025 01:48 PM
By Viveka Nand
Bihar Teacher News : शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों का अधिकार कट किया है. विभाग ने प्रधानाध्यापकों को 50 हजार रू खर्च करने का अधिकार दिया है. इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने पत्र जारी किया है.
डीईओ से अधिक प्रिंसिपल के पास रहेगा अधिकार
शिक्षा विभाग के पत्र में कहा गया है कि 31 मार्च, 2025 के बाद किसी भी निर्माण से संबंधित राशि जिला शिक्षा पदाधिकारी को नहीं दी जाएगी. हालांकि विभाग ने सरकारी स्कूल के शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. प्रिंसिपल को 50 हजार रू तक काम कराने की छूट होगी. विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अपने स्तर पर मरम्मति के कार्य करा सकेंगे. जिसकी अधिकतम सीमा 50 हजार है। उक्त राशि प्रधानाध्यापक के खाते में विभाग द्वारा स्थानान्तरित कराया जायेगा.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि विकास कार्यों के निरीक्षण एवं समीक्षा के क्रम में यह पाया गया है कि शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन अनेकों एजेन्सी यथा-बिहार शिक्षा परियोजना, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, जिला परिषद्, भवन निर्माण विभाग, जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रधानाध्यापक इत्यादि द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। समीक्षा में क्रम में यह पाया गया है कि जिला स्तर पर असैनिक कार्यों का क्रियान्वयन किए जाने के कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी तथा प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी जिला के विद्यालयों के शैक्षणिक कार्यों के निरीक्षण में पर्याप्त समय नहीं देते है. इस कारण योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है.।
वर्तमान में जिला स्तरीय कमेटी के माध्यम से जिला स्तर पर विकास कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी अधिकत्तम 50 लाख तक की योजना ले सकते हैं। ऐसी स्थति में एक ही विद्यालय परिसर की अनेक योजनाएं 50 लाख की सीमा के अन्दर सीमित कर क्रियान्वित की जा रही है। इस कारण एक विद्यालय का समेकित विकास नहीं हो पा रहा है और साथ ही एक ही परिसर में अनेक संवेदक कार्यरत हैं। चयनित योजनाओं की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हो गई है. योजनाओं की गुणवत्ता के अनुश्रवण में कठिनाई हो रही है.।
वर्तमान में बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड केवल 50 लाख से अधिक राशि की योजना के क्रियान्वयन के लिए प्राधिकृत है। जबकि इस निगम का गठन शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विकास कार्यों को करवाने के लिए किया गया है। उक्त परिस्थिति में शिक्षा विभाग के असैनिक कार्यों के क्रियान्वयन हेतु सृजित बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को सुदृढ़ करने तथा शिक्षा विभाग के सभी असैनिक कार्य को बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से ही कराने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन 31 मार्च 2025 के बाद बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा ही किया जाएगा.31मार्च के बाद किसी भी निर्माण से संबंधित राशि जिला शिक्षा पदाधिकारी को नहीं दी जाएगी। निर्माण कार्य के लिए विभाग सीधे बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को राशि उपलब्ध कराएगा।