ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar cold wave: बिहार में बढ़ती ठंड और कोहरे ने बढ़ाई परेशानी, विजिबिलिटी 300 मीटर तक गिरी; कैमूर रहा सबसे ठंडा जिला जिम में पसीना बहाते तेज प्रताप का वीडियो वायरल, TY Vlog से बढ़ी लोकप्रियता SBI का ATM काटकर 16 लाख की लूट, गार्ड नहीं रहने के कारण बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम पटना में 25 जगहों पर बनेंगे वेंडिंग जोन, GIS मैपिंग और कचरा प्रबंधन को मिलेगी रफ़्तार: मंत्री नितिन नवीन देवघर के युवक की जमुई में गोली मारकर हत्या, दोस्तों के साथ पूजा में शामिल होने आया था विनोद सहरसा में जेई लूटकांड का खुलासा: हथियार और लूटे गये सामान के साथ अपराधी गिरफ्तार दरभंगा में बीजेपी नेता के घर 10 लाख की चोरी, बंद घर को चोरों ने बनाया निशाना जमुई में पत्थर से कुचलकर 10 साल के बच्चे की हत्या, पड़ोसी ने दिया घटना को दिया अंजाम, पुलिस ने दबोचा ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप

Bihar News: बिहार में सिपाहियों के ट्रांसफर पर लगी रोक हटी, पटना हाई कोर्ट का अहम फैसला

Bihar News: बिहार पुलिस में 19,858 सिपाहियों के बड़े पैमाने पर किए गए ट्रांसफर पर पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया है. अब सिर्फ याचिकाकर्ताओं के तबादले पर रोक रहेगी.

Bihar News

27-Jun-2025 01:55 PM

By First Bihar

Bihar News: बिहार पुलिस में 19,858 सिपाहियों के बड़े पैमाने पर किए गए ट्रांसफर पर पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ट्रांसफर पर लगी अंतरिम रोक को आंशिक रूप से हटाते हुए स्पष्ट किया कि अब सिर्फ याचिकाकर्ताओं के तबादले पर रोक रहेगी, जबकि बाकी सभी सिपाहियों का स्थानांतरण वैध माना जाएगा और उन पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है।


बिहार सरकार ने 5 मई 2025 को एक आदेश जारी कर राज्य भर के 19,858 सिपाहियों का तबादला एक जिले से दूसरे जिले में कर दिया था। इसे लेकर राज्य में काफी हलचल मच गई थी। इस फैसले को अमिताभ बच्चन समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि बिहार में 2022 के बाद कोई नई ट्रांसफर पॉलिसी लागू नहीं की गई, फिर भी इतने बड़े पैमाने पर तबादले कर दिए गए, जो नियमों के खिलाफ है।


मामले की सुनवाई जस्टिस राजेश कुमार वर्मा की एकलपीठ ने की थी, जिन्होंने प्रारंभिक सुनवाई के बाद ट्रांसफर पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बाद 22 मई को कोर्ट ने सरकार से 4 सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा (Counter Affidavit) दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई टाल दी गई थी।


अब इस मामले में खंडपीठ ने हस्तक्षेप करते हुए आदेश में आंशिक संशोधन किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं के तबादलों पर अंतरिम रोक तब तक बनी रहेगी जब तक अंतिम सुनवाई नहीं हो जाती, लेकिन अन्य सभी सिपाहियों के तबादले वैध रूप से लागू माने जाएंगे।


याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में कहा गया कि 2022 तक एक ट्रांसफर पॉलिसी प्रभावी थी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया। अब नई नीति के बिना एक साथ इतनी बड़ी संख्या में ट्रांसफर करना न केवल प्रशासनिक असंतुलन पैदा करता है, बल्कि यह सर्विस रूल्स और प्राकृतिक न्याय के भी खिलाफ है।


राज्य सरकार अब बाकी सिपाहियों का ट्रांसफर प्रभावी तरीके से लागू कर सकती है। वहीं, जिन सिपाहियों ने याचिका दायर की है, उनके मामले पर अंतिम सुनवाई के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। यह फैसला राज्य सरकार के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि लंबे समय से अटके ट्रांसफर आदेशों को लागू करने की राह अब साफ हो गई है।