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24-Jul-2025 12:29 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में नीतीश कुमार सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए काम करने वाले डिलिवरी ब्वॉय और अन्य अस्थायी कामगारों (गिग वर्कर्स) के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 23 जुलाई को बिहार प्लेटफॉर्म आधारित (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण) विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित हुआ है, जिसके तहत गिग वर्कर्स के लिए कल्याण बोर्ड का गठन होगा। इस बोर्ड के जरिए डिलिवरी ब्वॉय और अन्य अस्थायी कामगारों को सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इस विधेयक की मुख्य विशेषताएं
श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बताया है कि इस विधेयक के तहत गिग वर्कर्स को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- मृत्यु पर अनुग्रह राशि: दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रुपये और प्राकृतिक मृत्यु पर 2 लाख रुपये की सहायता।
- विकलांगता पर सहायता: 40-60% विकलांगता की स्थिति में 74,000 से 2.5 लाख रुपये तक की सहायता।
- अस्पताल में भर्ती: एक सप्ताह से अधिक भर्ती होने पर 16,000 रुपये और एक सप्ताह से कम भर्ती पर 5,400 रुपये की सहायता।
- मातृत्व लाभ: महिला गिग वर्कर्स को मातृत्व लाभ प्रदान किया जाएगा।
- यूनिक आईडी: पंजीकरण के बाद हर कामगार को यूनिक आईडी दी जाएगी, जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। सभी प्लेटफॉर्म और एग्रीगेटरों को 60 दिनों के भीतर अनिवार्य पंजीकरण कराना होगा। कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष श्रम संसाधन विभाग के मंत्री होंगे और इसमें संबंधित विभागों व प्लेटफॉर्म प्रतिनिधियों को सदस्य बनाया जाएगा।
ओवरटाइम में बढ़ोतरी
कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन के तहत कर्मचारियों के ओवरटाइम की सीमा को 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है। हालांकि, ओवरटाइम के लिए कर्मचारियों की लिखित सहमति भी अनिवार्य होगी। यह कदम कामगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी आय बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
अन्य पारित विधेयक
विपक्ष के वॉकआउट के बीच मॉनसून सत्र में कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित हुए हैं:
- जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025: बिहार में पहला कौशल विश्वविद्यालय स्थापित होगा जो नीतीश कुमार की 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की योजना को बल देगा।
- बिहार दुकान और प्रतिष्ठान संशोधन विधेयक 2025: दुकानों और प्रतिष्ठानों के लिए नियमों में बदलाव।
- बिहार पशु प्रजनन विनियमन विधेयक 2025: पशु प्रजनन से संबंधित नियमों का नियमन।
- बिहार कृषि विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025: कृषि विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां अब बीपीएससी, बीटीएससी और बीएसएससी के माध्यम से होंगी।
यह विधेयक बिहार में गिग इकॉनमी के तेजी से बढ़ते प्रभाव को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण है। बिहार में ई-कॉमर्स और ऑनलाइन डिलिवरी सेवाओं का विस्तार हुआ है। इसमें कोई शक नहीं कि डिलिवरी ब्वॉय और गिग वर्कर्स अक्सर सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता से वंचित रहते हैं। यह विधेयक उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।