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Bihar News: बिहार में 7.92 लाख छात्रों को इस तारीख तक मिलेंगी किताबें, शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

Bihar News: बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधानसभा में बताया है कि 7.92 लाख बचे हुए छात्रों को पाठ्यपुस्तकें जल्द ही वितरित कर दी जाएंगी। निगरानी के अभाव में 26 लाख बच्चों का पुस्तकों से वंचित होने का उठा था मुद्दा।

Bihar News

23-Jul-2025 01:19 PM

By First Bihar

Bihar News: बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में घोषणा की है कि जुलाई के अंत तक राज्य के सभी शेष 7.92 लाख विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएंगी। यह बयान विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में आया था, जिसमें उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 1 से 8 तक के 26 लाख बच्चों को समुचित निगरानी के अभाव में अभी तक पाठ्यपुस्तकें नहीं मिली हैं। जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।


शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि बिहार पाठ्य पुस्तक निगम को सभी जिलों से पुस्तकों की अधियाचना प्राप्त हो चुकी है और जिला शिक्षा पदाधिकारियों की देखरेख में पहले ही अधिकांश वितरण पूरा हो चुका है। अब केवल 7.92 लाख विद्यार्थियों को पुस्तकें वितरित की जानी बाकी हैं। जिन्हें इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।


अमरेंद्र प्रताप सिंह ने विधानसभा में सवाल उठाया था कि शिक्षा विभाग ने 2 मई तक कक्षा 1 से 8 तक के सभी बच्चों को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। लेकिन निगरानी की कमी के कारण लाखों बच्चे अभी तक पुस्तकों से वंचित हैं। इस देरी ने छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में।


इसके बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने आश्वासन दिया है कि बिहार पाठ्य पुस्तक निगम और जिला शिक्षा अधिकारियों के सहयोग से वितरण प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि सभी जिलों से प्राप्त अधियाचनाओं के आधार पर पुस्तकें छपाई और वितरण के लिए भेजी जा चुकी हैं। इस माह के अंत तक शेष सभी विद्यार्थियों तक पुस्तकें पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।


बताते चलें कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार कई कदम उठा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की भर्ती और अनुकंपा आधारित नियुक्तियों की घोषणा की थी। साथ ही शिक्षक ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति को स्थगित करने का फैसला भी लिया गया ताकि शिक्षकों की शिकायतों का समाधान हो सके। हालांकि, पाठ्यपुस्तक वितरण में देरी जैसे मुद्दों ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर उठाए हैं।