पटना में 2025 में आधा हो गया क्राइम, पुलिस ने आंकड़े जारी कर किया दावा, 2024 में हुई घटनाओं की तुलना में इस साल बेहद कम वाकये हुए पूर्णिया में बिजली स्मार्ट मीटर रिचार्ज करने के नाम पर ठगी: भाजपा नेता के दो अकाउंट से उड़ाये 85 हजार रुपये Bihar Cabinet: 'मंगल पांडेय' के पास पटना से लेकर दिल्ली तक फ्लैट, सिर्फ 1 अकाउंट में एक करोड़ से अधिक जमा, भंडार में किलो के भाव से सोना-चांदी हिजाब विवाद: डॉ. नुसरत प्रवीण ने आज भी नहीं की नौकरी ज्वाइन, लास्ट डेट खत्म Bihar Cabinet: सम्राट चौधरी के पास कितनी है संपत्ति..साल के अंतिम दिन खुद बताया, रायफल-पिस्टल और भी बहुत कुछ.... Bihar Cabinet: साल के अंतिम दिन CM नीतीश ने घोषित की अपनी संपत्ति, नकद और बैंक में कितना रू है,जानें.... Bihar Police: मोतिहारी नगर निगम का वार्ड पार्षद पति फरार..SP ने 10 हजार रू का इनाम घोषित किया Bihar Transport News: बिहार में गाड़ियों की 'मैन्युअली फिटनेस जांच' पर रोक...कल से लागू होगी नई व्यवस्था, परिवहन मंत्रालय ने भेजा गाईडलाइन 1 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी और रोजगार देगी सरकार, बोले सम्राट चौधरी..बिहार के युवा मजदूरी करने नहीं, सम्मानजनक रोजगार पाने जाएं बाहर Health Ministry : 100mg से अधिक निमेसुलाइड टैबलेट्स पर बैन, स्वास्थ्य मंत्रालय का अहम फैसला
06-Jul-2025 09:51 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के 19 जिलों में 51 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पॉली क्लीनिक शुरू करने की योजना है। यह पहल राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत लोक निजी भागीदारी मॉडल के जरिए लागू होगी। राज्य स्वास्थ्य समिति ने इसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया है और जल्द ही इन केंद्रों में मरीजों को उन्नत चिकित्सा सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी।
पॉली क्लीनिक की सुविधा जिन जिलों में शुरू होगी उनमें गया, नालंदा, पटना, रोहतास, दरभंगा, बांका, भागलपुर, मुंगेर, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान, सारण और सहरसा शामिल हैं। इन केंद्रों में मरीजों को सामान्य उपचार के साथ-साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह, डायग्नोस्टिक सेवाएं और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी संबंधित जिला सिविल सर्जनों को निर्देश दिए हैं कि वे इस प्रक्रिया में किसी नए एकरारनामे की जरूरत नहीं है, बल्कि चयनित एजेंसी के साथ मिलकर काम शुरू करें।
ज्ञात हो कि बिहार में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अब तक केवल रेफरल अस्पताल बनकर रह गए थे, जहां मरीजों को बुनियादी सुविधाएं भी मुश्किल से मिल पाती थीं। PPP मॉडल के तहत इन 51 केंद्रों का संचालन निजी एजेंसियों को सौंपकर सरकार इनकी दक्षता और उपयोगिता बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इन केंद्रों में पहले से मौजूद आधारभूत संरचनाओं का बेहतर इस्तेमाल होगा और मरीजों को मुफ्त पैथोलॉजिकल और रेडियोलॉजिकल सेवाएं भी मिलेंगी। इस योजना के पहले चरण की सफलता के आधार पर भविष्य में इसे और विस्तार दिया जाएगा।
यह कदम शहरी क्षेत्रों में रहने वाली आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाएगा। पॉली क्लीनिक में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता, आधुनिक डायग्नोस्टिक उपकरण और त्वरित उपचार की सुविधा से मरीजों को बड़े अस्पतालों की ओर रुख करने की जरूरत कम होगी। सरकार का लक्ष्य है कि इन केंद्रों के जरिए न केवल इलाज की गुणवत्ता बढ़े, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी आसान हो। स्थानीय लोग इस पहल का स्वागत कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि इससे उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान तेजी से होगा।