ब्रेकिंग न्यूज़

मुजफ्फरपुर रेल पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 2025 में अपराध पर प्रहार, 1100 से अधिक आरोपी भेजे गए जेल पटना में 2025 में आधा हो गया क्राइम, पुलिस ने आंकड़े जारी कर किया दावा, 2024 में हुई घटनाओं की तुलना में इस साल बेहद कम वाकये हुए पूर्णिया में बिजली स्मार्ट मीटर रिचार्ज करने के नाम पर ठगी: भाजपा नेता के दो अकाउंट से उड़ाये 85 हजार रुपये Bihar Cabinet: 'मंगल पांडेय' के पास पटना से लेकर दिल्ली तक फ्लैट, सिर्फ 1 अकाउंट में एक करोड़ से अधिक जमा, भंडार में किलो के भाव से सोना-चांदी हिजाब विवाद: डॉ. नुसरत प्रवीण ने आज भी नहीं की नौकरी ज्वाइन, लास्ट डेट खत्म Bihar Cabinet: सम्राट चौधरी के पास कितनी है संपत्ति..साल के अंतिम दिन खुद बताया, रायफल-पिस्टल और भी बहुत कुछ.... Bihar Cabinet: साल के अंतिम दिन CM नीतीश ने घोषित की अपनी संपत्ति, नकद और बैंक में कितना रू है,जानें.... Bihar Police: मोतिहारी नगर निगम का वार्ड पार्षद पति फरार..SP ने 10 हजार रू का इनाम घोषित किया Bihar Transport News: बिहार में गाड़ियों की 'मैन्युअली फिटनेस जांच' पर रोक...कल से लागू होगी नई व्यवस्था, परिवहन मंत्रालय ने भेजा गाईडलाइन 1 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी और रोजगार देगी सरकार, बोले सम्राट चौधरी..बिहार के युवा मजदूरी करने नहीं, सम्मानजनक रोजगार पाने जाएं बाहर

Bihar News: आय से अधिक संपत्ति के मामले में बिहार के भ्रष्ट कार्यपालक अभियंता को सजा, स्पेशल विजिलेंस कोर्ट ने सुनाया फैसला

Bihar News: आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटना की निगरानी अदालत ने जल संसाधन विभाग के पूर्व कार्यपालक अभियंता कामेश्वरनाथ सिंह को एक साल की सश्रम कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

Bihar News

18-Jul-2025 01:02 PM

By FIRST BIHAR

Bihar News: पटना की स्पेशल निगरानी कोर्ट ने जल संसाधन विभाग के पूर्व कार्यपालक अभियंता कामेश्वरनाथ सिंह को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराते हुए एक वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने उन्हें एक लाख रुपये का जुर्माना भी भुगतने का आदेश दिया है। 


जुर्माने की राशि अदा नहीं करने की स्थिति में उन्हें एक माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा। यह फैसला निगरानी के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद रुस्तम की अदालत ने गुरुवार को सुनाया। सजा पाने वाले अभियंता मधुबनी जिले के खुटौना मंडल कार्यालय में कार्यरत थे। 


मामले से जुड़ी जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि 20 फरवरी 2009 को निगरानी विभाग को गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर पटना के न्यू बाइपास रोड पर अभियंता की गाड़ी को रोका गया और तलाशी के दौरान 8.20 लाख नकद बरामद किए गए।


बाद में उनके आवास की तलाशी में भी नकदी और अन्य कीमती सामान बरामद हुए। जांच में स्पष्ट हुआ कि 8.20 लाख की नकद राशि अभियुक्त की आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी। अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 के तहत दोषी ठहराया। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाहों की गवाही दर्ज की गई थी।