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01-Jul-2025 10:35 AM
By First Bihar
Patna News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत में बड़ा संकेत देखने को मिला है। पहली बार जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें औपचारिक रूप से लगाई गई हैं। इन पोस्टरों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ नजर आ रहे हैं। यह कदम बिहार की राजनीति में संभावित नई दिशा की ओर इशारा करता है।
नीतीश कुमार का भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ रिश्ता दो दशकों से बना रहा है, हालांकि बीच में वे करीब तीन साल महागठबंधन (RJD और कांग्रेस के साथ) का हिस्सा भी रहे। लेकिन यह पहली बार है कि जदयू के पार्टी कार्यालय में पीएम मोदी की तस्वीरों को सार्वजनिक रूप से और पूरे प्रचारात्मक अंदाज़ में जगह दी गई है।
जदयू कार्यालय में जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें बिहार के विकास को केंद्र में रखा गया है। पोस्टरों पर लिखे नारे भी लिखे गए हैं, जिसमें...
"महिलाओं को मिला रोजगार — नीतीश और मोदी की सरकार"
"रोजगार का मतलब — नीतीश और मोदी की सरकार"
"बिहार में लगे उद्योग-धंधे — नीतीश मोदी की सरकार"
इन नारों के जरिए जनता को यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि अगर दोनों नेता साथ आते हैं तो बिहार को और मजबूती से आगे बढ़ाया जा सकता है। यह बदलाव सिर्फ पोस्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि एक राजनीतिक संदेश है। भाजपा और जदयू ने भले ही पिछले कुछ वर्षों में रास्ते अलग किए हों, लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर गठबंधन की संभावनाएं खुली हुई दिख रही हैं।
यह एक रणनीतिक मोड़ हो सकता है। जनता दल यूनाइटेड यदि फिर से NDA में शामिल होता है, तो बिहार में चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं। JDU और BJP दोनों ही यह स्पष्ट नहीं कर रहे हैं कि कोई औपचारिक गठबंधन हुआ है या नहीं, लेकिन इस प्रकार के प्रतीकात्मक कदम जैसे पोस्टर, संयुक्त नेतृत्व की छवि और "डबल इंजन सरकार" की वापसी की बात आने वाले दिनों में राजनीतिक पुनर्संधान (realignment) की संभावनाओं को मजबूत करती हैं।
भाजपा और जदयू दोनों का फोकस रोजगार, महिला सशक्तिकरण, और औद्योगीकरण जैसे मुद्दों पर दिखाया गया है। वहीं, तस्वीरों में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी को एक साथ दिखाना यह जताता है कि "डबल इंजन" सरकार की ताकत बिहार के लिए फिर जरूरी है।
गठबंधन का इशारा: भले ही औपचारिक ऐलान नहीं हुआ, लेकिन राजनीतिक संदेश साफ है। दरवाजे खुले हैं। बिहार की राजनीति में यह एक बड़ा संकेत है। यह महज एक पोस्टर नहीं, बल्कि भविष्य की संभावित राजनीति की झलक हो सकती है। क्या नीतीश कुमार एक बार फिर NDA का हिस्सा बनेंगे? क्या यह सिर्फ चुनावी रणनीति है या गठबंधन की जमीन तैयार हो रही है? आने वाले सप्ताहों में तस्वीर और स्पष्ट होगी।
रिपोर्ट- प्रेम राज