जहानाबाद में “बिहार बदलने” की पुकार, आभा रानी के नेतृत्व में नुक्कड़ नाटक से उठी तेजस्वी सरकार की मांग बिहार में कानून व्यवस्था चरमराई, सुरेंद्र केवट हत्याकांड पर बोले मुकेश सहनी..सरकार का इकबाल खत्म BIHAR: बड़हरा के करजा बरजा में क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन, अजय सिंह ने विजेताओं को पुरस्कार से किया सम्मानित बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत 20 हजार लाभुकों को मिली पहली किस्त, 100 करोड़ से अधिक की राशि वितरित गोपालगंज में फूड प्वाइजनिंग से एक ही परिवार के 12 लोग बीमार, सदर अस्पताल में भर्ती सारण में शिक्षक संतोष राय हत्याकांड का खुलासा, मुख्य साजिशकर्ता और शूटर गिरफ्तार छातापुर में बढ़ते अपराध पर VIP नेता संजीव मिश्रा ने जताई गहरी चिंता, कहा..अपराधियों के हौसले बुलंद, प्रशासन मौन BIHAR: छपरा में दिनदहाड़े मोबाइल दुकान में लूट, दुकानदार ने लुटेरे को कट्टा समेत दबोचा Patna News: पटना के होमगार्ड जवान की करतूत, थाना में खाना बनाने वाली महिला को लेकर हुआ फरार, पति ने पुलिस से लगाई गुहार Patna News: पटना के होमगार्ड जवान की करतूत, थाना में खाना बनाने वाली महिला को लेकर हुआ फरार, पति ने पुलिस से लगाई गुहार
15-Jul-2025 12:07 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Cabinet Meeting: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य कराया जा रहा है। चुनाव से पहले कराए जा रहे वोटर लिस्ट पुनरीक्षण कार्य को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। इसी बीच बिहार सरकार ने इसके लिए 51 करोड़ 68 लाख की राशि स्वीकृत कर दी है।
दरअसल, मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में नीतीश कैबिनेट के तमाम मंत्री मौजूद रहे। मंत्रिपरिषद की बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े 30 अहम प्रस्तावों पर सरकार ने अपनी स्वीकृति दे दी। इस दौरान सरकार के निर्वाचन विभाग के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति देते हुए SIR के लिए 51 करोड़ 68 लाख की राशि को मंजूरी दे दी।
इस राशि का इस्तेमाल विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लगे कर्मियों के मानदेय का भुगतान किया जाएगा। विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लगे सभी कर्मियों को 6 हजार रुपए की दर से भुगतान होगा। पुनरीक्षण में लगे 77895 बीएलओ और 8245 बीएलओ सुपरवाइजर को मानदेय दिया जाएगा।
बता दें कि बिहार में चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक घमासान मचा हुआ है। विपक्ष का आरोप है कि इसके बहाने सरकार एनआरसी लागू करने की कोशिश कर रही है और गरीब मतदाताओं को वोट के अधिकार से वंचित करने की साजिश रची जा रही है हालांकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इसका मकसद मतदाता सूची को ज्यादा प्रभावकारी बनाना है। इसको लेकर हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक याचिकाएं दायर की गई हैं।