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22-May-2025 06:00 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के बहुप्रतीक्षित अगुवानी-सुल्तानगंज फोरलेन पुल के निर्माण में एक बार फिर देरी तय मानी जा रही है। पुल निर्माण कार्य पिछले दो वर्षों से ठप पड़ा है और अब इसका नया डिजाइन IIT रुड़की की विशेषज्ञ टीम द्वारा जांचा जा रहा है। जब तक यह तकनीकी जांच और मंजूरी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक नया निर्माण कार्य आरंभ नहीं हो पाएगा।
निर्माण से जुड़ी एजेंसी के मुताबिक, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने पुल के नए डिजाइन को दो चरणों में अनुमोदित कर दिया है। अब तीसरे और अंतिम चरण में IIT रुड़की की टीम इसकी गहन जांच कर रही है। इसमें कम से कम 15 दिनों का समय लग सकता है। अगर यह प्रक्रिया और लंबी खिंचती है तो मानसून के दौरान गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से निर्माण कार्य में और अड़चनें आएंगी।
वर्तमान में पिलर संख्या 7 से 10 के बीच पुराने ढांचे से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। अब तक कोई नया निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि 4 जून 2023 को पिलर संख्या 9 से 13 के बीच बना सुपर स्ट्रक्चर ढह गया था, जिससे भारी नुकसान हुआ। इसके बाद कंपनी ने स्टील ब्रिज का नया डिजाइन तैयार कर निगम को सौंपा, जिसकी अब जांच अंतिम चरण में है।
पुल की मजबूती और तकनीकी डिजाइन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया से इंजीनियरों की टीम को बुलाया गया था। इस टीम ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में पुल स्थल का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट दिल्ली भेज दी है। एप्रोच रोड निर्माण कार्य भी ठप पड़ा है। दोनों ओर की कुल 25 किलोमीटर लंबी एप्रोच सड़क के निर्माण में अब तक कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हो सकी है। निर्माण एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, वित्तीय आवंटन की कमी इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है।
इस एप्रोच रोड में पसराहा (सोनडीहा) और तिलकपुर के समीप रेलवे ओवरब्रिज भी प्रस्तावित हैं, जिनका डिजाइन अभी SERC (Structural Engineering Research Centre), रेलवे के पास जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही ओवरब्रिज का निर्माण शुरू होगा।
पुल निर्माण की पृष्ठभूमि
परियोजना की लागत: 1710 करोड़ रुपये
निर्माण प्रारंभ: 2015
गंगा नदी पर पुल की लंबाई: 3.16 किलोमीटर
फोरलेन पुल से जुड़े जिलों: खगड़िया (अगुवानी) और भागलपुर (सुल्तानगंज)
एप्रोच कनेक्शन: एनएच-31 (सोनडीहा, पसराहा) से लेकर मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन (तिलकपुर) तक
यह फोरलेन पुल क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक और परिवहन सुविधा को बड़ा बढ़ावा देने वाला था। लेकिन लगातार हो रही देरी, तकनीकी बाधाएं और वित्तीय संकट लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह परियोजना 2026 तक भी पूरी नहीं हुई तो इसकी लागत और समयसीमा में भारी इजाफा हो सकता है।