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Bihar Education News: शिक्षा विभाग के DEO के ठिकानों से यूं ही नहीं मिलता करोड़ों रू, अदना सा ऑपरेटर तो इतनी बड़ी रकम घूस ले रहा, जानें.....

बिहार शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। अरवल के प्रधान लिपिक और कंप्यूटर ऑपरेटर को 50 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया, वहीं बेतिया के DEO के घर छापेमारी में करोड़ों रू नकद मिले थे. पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

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06-May-2025 11:23 AM

By First Bihar

Bihar Education News: सुशासन की सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है. अधिकांश विभागों में लूट मची है. अधिकारी जनता के पैसे को लुटकर अपनी तिजोरी भर रहे हैं. बड़े-बड़े अधिकारी यहां की अवैध कमाई विदेशों में भेज रहे, तो छोटे अधिकारी-कर्मी अवैध कमाई को बिहार के बाहर लगा रहे हैं. भ्रष्टाचार के मामले में शिक्षा विभाग भी दूसरे विभाग से कम नहीं. जनवरी 2025 में जब जांच एजेंसी ने एक भ्रष्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की थी तो करोड़ों रू नकद मिले थे. यह तो अधिकारी की बात हुई, कर्मचारी भी एक-एक शिक्षक से काम के बदले बड़ी रकम ले रहे. निगरानी ब्यूरो ने 5 मई को अरवल जिला शिक्षा पदाधिकारी के दो कर्मियों को 50 हजार रू रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. सोचिए..जब अदना सा कर्मचारी और कंप्यूॉर ऑपरेटर इतनी बड़ी रकम ले रहा तो साहब कितना वसूली करते होंगे. 

अदना सा कर्मी इतना वसूल रहा थो अफसर कितना वसूलते होंगे ? 

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की मुख्यालय टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अरवल जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थापित प्रधान लिपिक और कम्प्यूटर ऑपरेटर को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।आरोपियों में प्रधान लिपिक मनोज कुमार और कम्प्यूटर ऑपरेटर संतोष कुमार शर्मा हैं, जिन्हें पचास हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। परिवादी कृष्णनन्द सिंह ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में 21 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई थी कि अरवल जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में पदस्थापित आरोपी प्रधान लिपिक मनोज कुमार और कम्प्यूटर ऑपरेटर संतोष कुमार ने सेवा निवृत होने के बाद होने वाले आर्थिक भुगतान करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद निगरानी ने सत्यापन कराया.सत्यापन के क्रम में आरोपी मनोज कुमार और संतोष कुमार शर्मा के द्वारा रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण पाया गया। प्रथम दृष्टया आरोप सही पाये जाने के पश्चात् उपरोक्त कांड अंकित कर अनुसंधानकर्ता पवन कुमार-।।, पुलिस उपाधीक्षक, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना के नेतृत्व में एक धावादल का गठन किया गया, जिनके द्वारा कार्रवाई करते हुए अभियुक्त मनोज कुमार और संतोष कुमार शर्मा को पचास हजार रुपये रिश्वत लेते जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के निकट भवानी होटल से रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। 

नोट गिनते-गिनते थक गई थी टीम 

अब अधिकारी की बात कर लेते हैं. 23 जनवरी 2025 को विशेष निगरानी इकाई ने पश्चिमी चंपारण (बेतिया) के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी कांत प्रवीण के ठिकानों पर छापेमारी की थी. रेड में जांच एजेंसी को नोटों का ढेर मिला था. डीईओ रजनीकांत प्रवीण के विभिन्न टिकानों से लगभग तीन करोड़ रू नकद मिलने की बात सामने आई थी. एसवीयू को खबर मिली थी कि बेतिया के जिला शिक्षा अधिकारी रजनी कांत प्रवीण 2005 से अब तक की अवधि के दौरान अवैध रूप से भारी चल और अचल संपत्ति अर्जित की है, जो आय से लगभग 1,87,23,625/ रू अधिक है. जांच में नकदी देखकर विशेष निगरानी इकाई के अधिकारी भी भौंचक रह गए थे. इतनी बड़ी रकदम शिक्षा विभाग के किसी अफसर के ठिकानों से अब तक नहीं मिली थी.