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05-Sep-2025 10:43 PM
By mritunjay
ARWAL: दो गर्भवती महिला मरीज की मौत पर अरवल में जमकर बवाल हुआ। गुस्साए परिजनों ने सड़क को जाम कर हंगामा मचाया। हंगामे के बाद प्रिंसी हॉस्पिटल को प्रशासन ने सील कर दिया। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
अरवल जिले में शुक्रवार को स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करने वाली घटना सामने आई। इलाज के दौरान दो गर्भवती महिलाओं की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और सड़क जाम कर दिया। मामला सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत मोथा गांव स्थित निजी क्लीनिक प्रिंसी हॉस्पिटल का है।
दो गर्भवती महिलाओं की मौत पर अरवल में जमकर हंगामा हुआ। बताया जाता है कि सरोती गांव निवासी 22 वर्षीय गर्भवती महिला रीना देवी का इलाज के दौरान प्रिंसी हॉस्पिटल में मौत हो गई। इस घटना से परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया। इसी बीच, अस्पताल से एक दिन पहले रेफर की गई दूसरी गर्भवती महिला रजिया परवीन (वालिदाद निवासी) की भी पटना में इलाज के दौरान मौत हो गई। रजिया परवीन का ऑपरेशन कर बच्चे को जन्म दिलाया गया था, लेकिन शुक्रवार की सुबह उसकी स्थिति बिगड़ गई और पटना में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लगातार दो मौतों की सूचना मिलते ही मृतकों के परिजन आक्रोशित हो उठे और उन्होंने अस्पताल के समक्ष एन-110 सड़क को जाम कर दिया। इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई और स्थानीय लोग भी परिजनों के समर्थन में सड़क पर उतर आए।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही जिला पदाधिकारी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंची। सिविल सर्जन को तत्काल मामले की जांच करने का आदेश दिया गया। डीएसपी कृति कमल ने घटनास्थल पर पहुंचकर आक्रोशित परिजनों से बातचीत की और उन्हें शांत कराया।
डीएसपी ने बताया कि परिजनों ने आरोप लगाया है कि इलाज के दौरान चिकित्सकों की लापरवाही से दोनों महिलाओं की मौत हुई। मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्रिंसी हॉस्पिटल को सील कर दिया है। साथ ही, पूरी घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की जाएगी।
परिजनों को दिलाया गया न्याय का भरोसा
डीएसपी कृति कमल ने कहा कि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल प्रबंधन और संबंधित चिकित्सकों पर आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने परिजनों से धैर्य बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
स्थानीय लोगों में रोष
घटना के बाद क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर आमलोगों में गहरी नाराजगी देखी गई। ग्रामीणों ने कहा कि निजी क्लीनिकों में अव्यवस्थित और लापरवाह इलाज के कारण आए दिन मरीजों की जान जा रही है। लोगों ने मांग की कि जिले में संचालित निजी क्लीनिकों और नर्सिंग होम्स की जांच कराई जाए और जिन अस्पतालों में मानक पूरा नहीं हो रहा है, उन्हें तुरंत बंद कराया जाए।
मामले की जांच जारी
पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की त्वरित हस्तक्षेप से सड़क जाम हटाया गया और स्थिति को नियंत्रण में लिया गया। हालांकि परिजन अब भी अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि मामले की गहन जांच कराई जाएगी और जांच पूरी होने तक अस्पताल बंद रहेगा। दो गर्भवती महिलाओं की मौत ने जिले भर में सनसनी फैला दी है। घटना ने एक बार फिर से स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाहियों को उजागर कर दिया है। अब लोगों की निगाहें प्रशासनिक जांच और कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।