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Vastu Tips: क्या आपको भी खरीदना है नया घर, मुख्य द्वार का सही से करें चयन

वास्तु शास्त्र भारतीय परंपरा और संस्कृति का ऐसा शास्त्र है, जो घर की बनावट और उसमें आने-जाने वाली ऊर्जा को संतुलित करने पर आधारित है। इसमें घर के मुख्य द्वार को बेहद खास स्थान दिया गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 12 Feb 2025 06:10:27 AM IST

Vastu Tips

Vastu Tips - फ़ोटो Vastu Tips

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र, जो हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, घर की संरचना और उसमें प्रवेश करने वाली ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालता है। इसमें मुख्य द्वार को विशेष महत्त्व दिया गया है, क्योंकि यही घर की ऊर्जा का केंद्र बिंदु होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार न केवल घर में समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति लाने का माध्यम है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करने में भी मदद करता है।


मुख्य द्वार और सकारात्मक ऊर्जा का संबंध

मुख्य द्वार को घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना गया है। सही दिशा और स्थान पर मुख्य द्वार होने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है, और घरवाले स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध जीवन जीते हैं। यदि मुख्य द्वार वास्तु के अनुरूप नहीं है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है, जिससे जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


मुख्य द्वार के लिए शुभ दिशाएं

वास्तु शास्त्र में चार दिशाओं को मुख्य द्वार के लिए शुभ माना गया है:

उत्तर दिशा:

उत्तर दिशा में मुख्य द्वार का होना सबसे शुभ माना गया है। यह दिशा धन और समृद्धि को आकर्षित करती है। यहां से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो घर के सदस्यों की उन्नति और भाग्य जाग्रत करता है।

उत्तर-पूर्व दिशा:

यह दिशा शक्ति और ऊर्जा का संचार करती है। सूर्योदय के समय इस दिशा में सूर्य की किरणें प्रवेश करती हैं, जिससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है। यह दिशा घर में शांति और संतुलन बनाए रखती है।

पूर्व दिशा:

पूर्व दिशा में मुख्य द्वार होने से घर के सदस्यों की मानसिक ऊर्जा और उत्साह बढ़ता है। हालांकि यह दिशा उत्तर या उत्तर-पूर्व जितनी प्रभावी नहीं है, लेकिन फिर भी यह सक्रिय और प्रसन्नचित्त वातावरण बनाने में सहायक होती है।

दक्षिण-पूर्व दिशा:

यदि अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं हैं, तो दक्षिण-पूर्व दिशा में मुख्य द्वार बनाया जा सकता है। यह दिशा भी शुभ मानी जाती है, लेकिन इसे उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा से कम प्रभावशाली समझा जाता है।


मुख्य द्वार की सही दिशा का चयन न केवल वास्तु के सिद्धांतों का पालन करता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि सुनिश्चित करता है। वास्तु शास्त्र के इन सरल नियमों का पालन कर आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं और घर के वातावरण में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।