ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी

जया एकादशी 2025 महत्व, दान और शुभ मुहूर्त

जया एकादशी 2025 हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और उपासना के लिए जानी जाती है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 02 Feb 2025 06:00:44 AM IST

Jaya Ekadashi 2025

Jaya Ekadashi 2025 - फ़ोटो Jaya Ekadashi 2025

Jaya Ekadashi 2025: जया एकादशी, माघ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है, जिसे माघ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होती है, और इस दिन उपवास रखने से भक्तों को भक्ति, ज्ञान और भौतिक सुखों की प्राप्ति मानी जाती है। जया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है, साथ ही उसके पाप भी धुल जाते हैं। यह दिन विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है और भारतीय संस्कृतियों में इसका खास महत्व है।


जया एकादशी का महत्व

जया एकादशी का धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। इस दिन व्रत रखने से भक्त भगवान विष्णु के आशीर्वाद से पुण्य प्राप्त करते हैं और उनका जीवन सुखमय हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग इस दिन उपवास रखते हैं, उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है और उनके समस्त कष्ट दूर होते हैं। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि विष्णु ही संसार के पालनकर्ता हैं और उनके आशीर्वाद से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं।


जया एकादशी 2025: शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, जया एकादशी का व्रत 7 फरवरी, 2025 को रात 9 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगा और 8 फरवरी, 2025 को रात 8 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगा। इस दिन विशेष रूप से व्रत और पूजा की जाती है, और उदया तिथि के अनुसार, जया एकादशी का व्रत 8 फरवरी, शनिवार को रखा जाएगा। यह समय बेहद शुभ होता है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखने का महत्व होता है।


जया एकादशी पर दान का महत्व

इस दिन का व्रत अधूरा माना जाता है यदि दान न किया जाए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और भक्तों का जीवन सुखमय होता है। जया एकादशी पर किस प्रकार का दान शुभ माना जाता है, आइए जानते हैं:


1. धन का दान: जया एकादशी के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को धन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन दान करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और धन की देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

2. चावल का दान: इस दिन चावल का दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और दरिद्रता का नाश होता है। यह दान विशेष रूप से इस दिन किया जाता है, और इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।

3. पीली चीजों का दान: इस दिन पीले रंग की चीजों का दान करना बहुत शुभ होता है। पीले वस्त्र, केला, बेसन और केसर की खीर जैसे खाद्य पदार्थों का दान विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इससे परिवार में सुख और शांति बनी रहती है और घर में समृद्धि आती है।


जया एकादशी 2025 का व्रत और दान दोनों ही अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। यह दिन भक्तों के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करता है, जिसमें वे भगवान विष्णु की पूजा और उपवास के माध्यम से अपनी भक्ति को सिद्ध कर सकते हैं। इसके साथ ही दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन किए गए दान से न केवल व्यक्ति की दरिद्रता का नाश होता है, बल्कि उसे मानसिक और भौतिक सुख भी प्राप्त होते हैं। इसलिए इस दिन का व्रत और दान करना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी होता है।