ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच बिहार में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और गोलियां बरामद Govardhan Asrani Death: दिवाली के जश्न के बीच दुखद खबर, हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता गोवर्धन असरानी का निधन Govardhan Asrani Death: दिवाली के जश्न के बीच दुखद खबर, हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता गोवर्धन असरानी का निधन Bihar News: मातम में बदली दिवाली की खुशियां, करंट लगने से बाप-बेटे की गई जान; लोगों में बिजली विभाग के खिलाफ गुस्सा Bihar News: मातम में बदली दिवाली की खुशियां, करंट लगने से बाप-बेटे की गई जान; लोगों में बिजली विभाग के खिलाफ गुस्सा Bihar Election 2025: RJD उम्मीदवार का नामांकन रद्द नहीं होने पर भड़के मुकेश सहनी के भाई, केस करने की दे दी चेतावनी Bihar Election 2025: RJD उम्मीदवार का नामांकन रद्द नहीं होने पर भड़के मुकेश सहनी के भाई, केस करने की दे दी चेतावनी Bihar News: बिहार में गंगा स्नान के दौरान बड़ा हादसा, दो बच्चों की डूबकर मौत; दो की बाल-बाल बची जान Bihar News: बिहार में गंगा स्नान के दौरान बड़ा हादसा, दो बच्चों की डूबकर मौत; दो की बाल-बाल बची जान Bihar Election 2025: बिहार में नामांकन दाखिल करते ही RJD उम्मीदवार गिरफ्तार, डकैती के मामले में पुलिस ने दबोचा; कोर्ट ने जारी किया था अरेस्ट वारंट

Bhishma Ashtami: भीष्म अष्टमी का महत्व, पूजा विधि और पितृ तर्पण का अद्भुत अवसर

भीष्म अष्टमी के अवसर पर महत्त्वपूर्ण धार्मिक क्रियाओं का पालन किया जाता है, जिसमें पितृदोष से मुक्ति प्राप्त करने के उपाय भी शामिल हैं। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए उपयुक्त होता है, जिससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 03 Feb 2025 06:06:16 AM IST

Bhishma Ashtami

Bhishma Ashtami - फ़ोटो Bhishma Ashtami

Bhishma Ashtami: भीष्म अष्टमी हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भीष्म पितामह के बाण शैय्या पर शरीर त्यागने के दिन के रूप में प्रसिद्ध है। महाभारत के युद्ध में घायल होने के बाद भीष्म पितामह ने अपने शरीर का त्याग सूर्य के उत्तरायण होने तक इंतजार किया था। यह दिन पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है, और इस दिन एकोदिष्ट श्राद्ध का आयोजन किया जाता है।


भीष्म अष्टमी का महत्व:

भीष्म अष्टमी का दिन विशेष रूप से पितृ तर्पण और पितृ दोष की शांति के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही, पितरों को जल अर्पित करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों के आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कार्य किए जाते हैं।


महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह ने एक अनोखा और अद्वितीय बलिदान दिया था। उन्हें बाण शैय्या पर पड़े हुए समय में सूरज के उत्तरायण होने तक जीवन का निर्वाह करना था। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब माघ माह की अष्टमी तिथि आती है, और यही दिन था जब भीष्म पितामह ने अंतिम समय में शरीर को त्याग दिया था। उनके इस त्याग को श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाना हिन्दू धर्म की एक महत्त्वपूर्ण परंपरा है।


पूजा विधि और टोटके:

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ: भीष्म अष्टमी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ विशेष रूप से लाभकारी होता है। इस पाठ से पितृ दोष दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

पितरों को जल अर्पित करना: इस दिन पितरों को तर्पण और जल अर्पित करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यह पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है और जीवन में शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।

एकोदिष्ट श्राद्ध: भीष्म अष्टमी पर एकोदिष्ट श्राद्ध का आयोजन करने से पितृ दोष समाप्त होता है और जीवन में सौभाग्य का वास होता है। यह श्राद्ध विधि खासकर उन व्यक्तियों के लिए है जिनके पितर जीवित नहीं हैं।


महत्त्वपूर्ण संयोग:

भीष्म अष्टमी के दिन कुछ विशेष ग्रह संयोग भी होते हैं, जो इस दिन की पूजा और कर्मों को और अधिक फलदायी बनाते हैं। जैसे कि इस वर्ष भीष्म अष्टमी के दिन भद्रावास और अन्य मंगलकारी संयोग बन रहे हैं, जो इस दिन की पूजा को अत्यधिक फलदायी बनाएंगे।


भीष्म अष्टमी का पर्व पितृ तर्पण, पूजा और श्राद्ध के रूप में एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है, जो हमारे पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर देता है। इस दिन की पूजा विधि का पालन करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का संचार होता है। साथ ही, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और पितृ तर्पण से पितृ दोष समाप्त होते हैं और जीवन में संतुलन और सुख-समृद्धि बनी रहती है।