Bihar News: जेल में बंद महिला कैदी की मौत के बाद बवाल, प्रशासन पर गंभीर आरोप Bihar News: बिहार के इस जिले में आंधी-बारिश ने मचाई तबाही, घर पर गिरा बरगद का विशाल पेड़; दबकर बुजुर्ग की मौत Bihar News: प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए अब करना होगा यह काम, लागू हुआ परिवहन विभाग का नया नियम Bihar Ias Officers: बिहार के 16 DM समेत 29 IAS अफसर 26 दिनों के लिए कहां जा रहे ? सरकार ने सभी अधिकारियों को भेजी जानकारी, लिस्ट देखें... Bihar News: तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर तीखा हमला, सड़क से सदन तक आंदोलन की दे दी चेतावनी Samastipur News: निलंबित ASI के घर छापेमारी में हथियारों का जखीरा बरामद, STF के साथ मुठभेड़; सर्च ऑपरेशन जारी Bihar CM: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली रवाना, निजी कार्य या बड़ा गेम प्लान? जानिए.. Bihar Crime News: घर से उठाकर ओझा की हत्या, 17 लोगों पर FIR; 2 गिरफ्तार Bengaluru Stampede Update: बेंगलुरु भगदड़ कांड में बड़ा एक्शन, RCB के मार्केटिंग हेड एयरपोर्ट से अरेस्ट; 3 अन्य पर पुलिस का शिकंजा Bihar Job Camp: 24 हजार तक सैलरी, 300 पदों पर भर्ती; इस जिले में 4 दिन तक रोजगार मेला
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 02 Feb 2025 07:00:51 AM IST
Saraswati Puja - फ़ोटो Saraswati Puja
Saraswati Puja: वसंत पंचमी का पर्व सनातन शास्त्रों में विशेष स्थान रखता है, क्योंकि इस दिन मां सरस्वती की पूजा होती है, जो ज्ञान, बुद्धि, और कला की देवी मानी जाती हैं। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व में विशेष रूप से पीले रंग के वस्त्र पहनने का महत्व है। इस दिन को खास बनाने वाला यह रंग न केवल मां सरस्वती की पूजा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
पीला रंग क्यों है शुभ?
वसंत पंचमी पर पीला रंग बेहद शुभ माना जाता है। यह रंग ज्ञान, ऊर्जा, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक है। आचार्य राम कुमार झा के अनुसार, पीला रंग बुद्धि और विवेक का प्रतीक है, और क्योंकि इस दिन हमें ज्ञान की देवी मां सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है, इसलिए इस दिन पीले वस्त्र पहनने की परंपरा का महत्व है। पीला रंग मनुष्य को आत्मविश्वास, नवसृजन, अच्छे विचार, और मानसिक शांति का अहसास कराता है।
सरस्वती पूजा का महत्व
वसंत पंचमी केवल एक धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि यह ज्ञान और संस्कृति के प्रति हमारी श्रद्धा का प्रतीक है। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और घरों में मां सरस्वती की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। विशेष रूप से बच्चे इस दिन अपना पहला अक्षर लेखन (अक्षरारंभ) करते हैं, जो उनके जीवन में शिक्षा के क्षेत्र में सफलता की शुरुआत का प्रतीक होता है।
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन की पूजा में खासतौर से बेसन के लड्डू, केसर की रबड़ी, और मीठे चावल का भोग अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही, पूजा में पीले रंग की चीजों का उपयोग भी किया जाता है, जैसे पीले रंग के फूल, फल, और वस्त्र। ये सभी मां सरस्वती के प्रति श्रद्धा का प्रतीक हैं।
पूजा में पीले रंग के वस्त्र क्यों पहनते हैं?
वसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। पीला रंग जीवन में नई शुरुआत, समृद्धि, और खुशी का प्रतीक है। इसके अलावा, यह रंग व्यक्ति को मानसिक शांति और विचारशीलता की ओर प्रेरित करता है। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत करता है।
भारत में वसंत पंचमी की धूम
वसंत पंचमी का पर्व खासतौर पर पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर इस दिन के विशेष महत्व को समझते हुए भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम, झांकियां और रंग-बिरंगे आयोजन किए जाते हैं। इस दिन को "शारदीय उत्सव" के रूप में भी मनाया जाता है, जो लोगों के बीच ज्ञान की प्रति आदर और सम्मान को बढ़ाता है।
वसंत पंचमी केवल धार्मिक अनुष्ठान का दिन नहीं है, बल्कि यह ज्ञान और संस्कृति के महत्व को समझने और उसे आत्मसात करने का अवसर है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर हम न केवल मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मकता और सफलता का मार्ग भी प्रशस्त होता है। अतः इस वसंत पंचमी पर पीला रंग पहनकर और मां सरस्वती की पूजा करके हम अपने जीवन को नई दिशा दे सकते हैं।