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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 21 Jun 2025 09:45:13 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार खाली पड़े बोर्ड- - निगम- आयोग को भर रही है. इसी कड़ी में करीब दर्जन भर आयोग में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति हुई है. हालांकि अब भी चार-पांच आयोग खाली पड़े हैं, जिनका गठन किया जाना है. वैसे आयोग में जिनकी नियुक्ति की गई है, उनको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आयोग में कोयरी कुर्मी को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर इस वर्ग में नाराजगी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शेष बचे आयोग में इन जाति के नेताओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा ? क्यों कि सामने चुनाव है और इस वर्ग के वोटर नाराज होंगे तो चुनाव में इसका खामियाजा NDA को उठाना पड़ सकता है।
बिहार में लंबे समय से खाली पड़े बोर्ड निगम आयोग में राजनीतिक नियुक्तियां की गई हैं। जिसमें जदयू- भाजपा व अन्य सहयोगी दल के कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया गया है। बाकी बचे किसान आयोग, नागरिक पर्षद, व्यावसायिक आयोग और जेपी सेनानी आयोग के गठन की चर्चा है। खबर है कि इन आयोग में जल्द ही राजनीतिक नियुक्तियां कर दी जाएगी। बताया जाता है कि इन आयोग में सिर्फ बीजेपी और जदयू के कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया जाएगा।
अब कोयरी और कुर्मी जाति के नेताओं को इन आयोग पर नजर है। वैसे राज्य सरकार इस बार व्यवसाय आयोग बनाने जा रही है। हालांकि इसमें व्यवसायिक कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया जाएगा, इसकी पूरी संभावना है। जेपी सेनानी आयोग में भी बाहरी को नहीं बल्कि जो जेपी सेनानी है,उनकी ही नियुक्ति की जाएगी। ऐसी खबर निकलकर सामने आ रही है । ऐसे में किसान आयोग और नागरिक पर्षद बचता है, जिस पर कुशवाहा और कुर्मी नेताओं की नजर है।
बताया जाता है कि अगड़ी जाति के कई नेताओं को आयोग में अध्यक्ष या सदस्य की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि कुशवाहा और कुर्मी को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। इससे जदयू के अंदर भी भारी नाराजगी है। अगर किसान आयोग और नागरिक पर्षद में भी जेडीयू से जुड़े अगड़ी जाति के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया गया तब नाराजगी और बढ़ेगी। खबर है कि जेडीयू वैसे नेता को इस आयोग में फिर से लेने पर विचार कर रही है, जिन पर गंभीर आरोप लगे हैं और राजनीतिक गलियारे में जिनकी छवि बदनाम है।
बता दें, आयोग में हुई राजनीतिक नियुक्ति को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने जमाई आयोग की बात कर सनसनी फैला दी है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि नेताओं के दामाद, अधिकारी की पत्नी को आयोग में जगह दिया गया है।