PATNA : बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग को नीतीश कुमार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। दरअसल सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जो बयान सामने आया है उसे देखकर यही लगता है। नीतीश कुमार से जनता दरबार कार्यक्रम के बाद जब बिहार को विशेष दर्जे के मसले पर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि अभी इसकी चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है, हम लगातार काम करते रहे हैं और जो भी बिहार की जरूरत रहती है उसके लिए डिमांड करते हैं.. बात करते हैं लेकिन इसे मुद्दा बनाने से क्या फायदा?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इसी बयान को अब तेजस्वी यादव ने पकड़ लिया है। तेजस्वी यादव ने आज नीतीश कुमार के ऊपर निशाना साधते हुए कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री को अब राज्य के लिए विशेष दर्जे की जरूरत नहीं है। तेजस्वी ने कहा है कि 17 सालों से बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में बिहार सबसे फिसड्डी है। बेरोजगारी गरीबी और पलायन में बिहार लेकिन इसके बावजूद नीतीश कुमार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं चाहिए। तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा है.. मुख्यमंत्री जी अपने चिर-परिचित स्वभाव, स्वार्थ, सहूलियत और राजनीतिक जरुरत अनुसार कभी विशेष राज्य का मुद्दा उठाते है, कभी अधिकार रैली का दिखावा करते है और अब कहते है इसकी जरुरत नहीं। सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य होने के बावजूद उन्हें अब विशेष राज्य की ज़रूरत महसूस क्यों नहीं होती?
जाहिर है नीतीश कुमार के इस बयान और तेजस्वी यादव की तरफ से उठाए गए सवालों के बाद बिहार को विशेष दर्जे के मसले पर एक बार फिर सियासत से गर्म होगी। विशेष दर्जे के मसले पर नीतीश कुमार आखिर फिलहाल क्यों स्टैंड बदल रहे हैं या चुप्पी साधे रखना चाहते हैं सियासी गलियारे में इसको लेकर भी चर्चा हो रही है।