‘विरासत बचाओ नमन यात्रा’ पर कुशवाहा, आज मधुबनी और अररिया में कर रहे दौरा

‘विरासत बचाओ नमन यात्रा’ पर कुशवाहा, आज मधुबनी और अररिया में कर रहे दौरा

MADHUBANI: जेडीयू से अलग होकर नई पार्टी बनाने के बाद RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों विरासत बचाओ नमन यात्रा पर निकले हुए हैं। आज उनकी इस यात्रा का तीसरा दिन है। इस तीसरे दिन कुशवाहा मधुबनी और अररिया में अपनी विरासत बचाओ नमन यात्रा करेंगे। इस यात्रा के जरिए उपेंद्र कुशवाहा नीतीश सरकार की नाकामियों को जनता के बीच रखेंगे और समाजवादियों की खो रही विरासत को बचाने और उसे बढ़ाने के लिए विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे।


दरअसल, जेडीयू से अलग जदयू से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा अपनी एक नई पार्टी का गठन कर लिया है। अब इसी नई पार्टी को लेकर वह बिहार के तमाम जिलों में जाकर वहां के लोगों से मिल रहे हैं और यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि नीतीश सरकार ने उन लोगों के साथ कितना छलावा किया है। इस दौरान हुआ नीतीश कुमार के साथ अपने बिताए गए दिनों को भी याद कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज उनकी विरासत बचाओ नमन यात्रा  मधुबनी और अररिया में होने वाली है।


कुशवाहा की इस यात्रा के चौथे दिन यानी आज मधुबनी में हैं। यहां से वो दोपहर 2 बजे अररिया आएंगे। वहां औराही हिंगना में फणीश्वर नाथ रेणु जी  की स्मारक पर माल्यार्पण करेंगे। कुशवाहा आज का पूरा दिन ओर रात अररिया में मौजूद रहेंगे। 


वहीं, अपनी इस यात्रा को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक जनता दल ने समता मूलक समाज और उसकी विरासत को बचाने के लिए इस अभियान की शुरुआत  की है। पार्टी जननायक कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों और मूल्यों को स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प है। जिसका सपना उन्होंने बिहार के वंचित, पिछड़ा- अतिपिछड़ा, दलित- महादलित, लव-कुश, अल्पसंख्यक और सामान्य जाति के लोगों के लिए देखा था। लेकिन वर्तमान सत्ता और व्यवस्था ने वंचितों और शोषितों की विरासत के साथ खिलवाड़ किया है। 

आपको बताते चलें कि,कुशवाहा की इस यात्रा का पहला चरण 6 मार्च तक चलेगी, जो सीवान में खत्म होगी। जबकि दूसरा चरण 16 मार्च से भागलपुर से शुरू होगा और 20 मार्च को शहीद जगदेव प्रसाद की स्मारक पर खत्म होगा। इस दौरान कुशवाहा बिहार के 28 जिलों से होते हुए दो दर्जन से अधिक महापुरुषों की जन्मस्थली और कर्मस्थली पर जाएंगे और करीब 100 से अधिक जनसभा को संबोधित करेंगे।