विधानसभा में हंगामे के बाद BCA में खलबली, राकेश तिवारी कैंप ने दिया जवाब, आरोप साबित हुए बगैर किसी को दोषी कहना गलत : रहबर आबदीन

विधानसभा में हंगामे के बाद BCA में खलबली, राकेश तिवारी कैंप ने दिया जवाब, आरोप साबित हुए बगैर किसी को दोषी कहना गलत : रहबर आबदीन

PATNA: बिहार क्रिकेट एसोसियेशन के कामकाज को लेकर विधानसभा में हंगामे के बाद BCA में भारी खलबली मच गयी है. विधानसभा में आज बिहार क्रिकेट एसोसियेशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी को विधायकों ने दलाल करार देते हुए सदन की कमेटी से जांच की मांग उठायी है. सरकार ने भी इसका समर्थन कर दिया है. ऐसे में क्रिकेट एसोसियेशन में खलबली मच गयी है.


बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी की ओर से पटना क्रिकेट एसोसियेशन संचालन समिति के सदस्य रहबर आबदीन ने मोर्चा खोला है. रहबर आबदीन ने बयान जारी कर कहा है कि किसी भी व्यक्ति पर दलाली, चोरी, हत्या समेत किसी गैरकानूनी कार्यों का आरोप तभी लगाया जा सकता है जब उस उसका कोई प्रमाण हो. बिना किसी सबूत या बिना कोई जांच के दलाल जैसे शब्द का प्रयोग करना कहीं से जायज नहीं है.


रहबर आबदीन ने कहा कि किसी भी व्यक्ति पर कोई भी लांछन लगाने से पहले आम आदमी को भी सोच समझ लेना चाहिये. डॉ संजीव कुमार तो माननीय विधायक हैं. ऐसा नहीं है कि डॉ संजीव कुमार ने पहली बार इस तरह के आरोप को पहली बार लगाया है. वे इसके पहले भी तरह-तरह के आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसी पर आरोप सिद्ध नहीं हो जाए तब तक उसे दोषी कहना सरासर गलत है. रहबर आबदीन ने  विधायक डॉ संजीव जो आरोप लगा रहे हैं उनकी जांच के लिए प्रशासन, माननीय न्यायालय है या अन्य फोरम है. सरकार उनसे जांच करवा ले, दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.


रहबर आबदीन ने कहा कि डॉ संजीव कुमार ने विधानसभा में इस मांग को उठाया है कि विधानसभा की समिति से जांच करवा ली जाए. सदन की कमेटी को जांच करने से कौन रोक सकता है. कमेटी जांच करे, फिर जो भी गलत पाया जाये उसे उचित सजा मिले. लेकिन उसके पहले यह कहना वह दलाल है वह चोर है यह गलत है. किसी माननीय विधायक से ये अपेक्षा नहीं की जा सकती है, ऐसा आरोप लगाकर आप किसी व्यक्ति की मर्यादा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.


रहबर आबदीन ने कहा है कि ने पटना जिला क्रिकेट संघ को चलाने के लिए बनी तदर्थ समिति के सदस्य हैं. इस कमेटी ने बेहतर कार्य किया है और पटना जिला के कई प्लेयर बिहार टीम में खेल रहे हैं. कई प्लेयर ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं पर बिहार टीम में शामिल हैं. उन्होंने तो पैसा नहीं दिया. ऐसे में  कोई कैसे यह कह सकता है गरीब का बेटा बिहार में क्रिकेट खेल नहीं सकता है.


राकेश तिवारी द्वारा खुद को जय शाह का करीबी बताये जाने पर भी रहबर आबदीन ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी का करीबी है तो कहने में क्या है गुरेज है. उदाहरण के तौर पर अगर मैं किसी विधायक या सांसद का करीबी हूं तो इसे कहने में किसी को आपत्ति हो सकती है. अगर किसी भी व्यक्ति को इससे मिर्ची लगती है तो लगे. उन्होंने कहा कि जांच हो, स्वच्छ हो और उसके बाद जो परिणाम निकल कर उसके अनुसार किसी भी व्यक्ति पर टीका-टिप्पणी की जाए तो अच्छा रहता है.


उन्होंने पटना जिला क्रिकेट संघ के संबंध में कहा कि अबतक तदर्थ समिति काम कर रही है. चंद दिनों में लोकतांत्रिक व्यवस्था के जरिए कमेटी का गठन हो जायेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. नई कमेटी गठित हो जाने के बाद पटना में क्रिकेट के विकास की गाड़ी की तेजी देखने लायक होगी. ये सब बिहार क्रिकेट एसोसियेशन की देखरेख में होगा.