PATNA : बिहार के सियासी गलियारे से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है। विधान परिषद चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद आरजेडी की ताकत परिषद में बढ़ी है और इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को विधान परिषद में विरोधी दल का नेता बनाए जाने के लिए आरजेडी ने प्रस्ताव भेज दिया है। आरजेडी की तरफ से एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने आज कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की तरफ से लिखा हुआ पत्र अवधेश नारायण सिंह को दिया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सदन में विरोधी दल का नेता बनाए जाने की मांग की है और उनके नाम का प्रस्ताव भेजा है।
आपको बता दें कि स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद की जिन 24 सीटों पर चुनाव हुआ उसके परिणाम सामने आने के साथ ही यह तय हो गया था कि अब राष्ट्रीय जनता दल को एक बार फिर विधान परिषद में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिल जाएगा। दरअसल 2020 के विधानसभा चुनाव के पहले आरजेडी के कई एमएलसी पाला बदलकर जेडीयू में चले गए थे और उनके पाला बदलने के बाद आरजेडी के सदस्यों की संख्या विधान परिषद में कम हो गई थी। विधान परिषद में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी आरजेडी से जाता रहा था लेकिन अब एक बार फिर आरजेडी को मुख्य विपक्षी दल का दर्जा हासिल हुआ है और इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद की सदस्य राबड़ी देवी को नेता विरोधी दल की मान्यता देने के लिए पहल कर दी गई है।
विधान परिषद चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही यह कयास लगना शुरू हो गया था कि राबड़ी देवी को एक बार फिर से सदन में नेता विरोधी दल बनाया जा सकता है। हालांकि कुछ जगहों पर रामचंद्र पूर्वे के नाम की भी चर्चा हुई थी लेकिन फर्स्ट बिहार ने आपकों पहले ही बता दिया था कि राबड़ी देवी ही विरोधी दल की नेता बनेगी। अब सुनील कुमार सिंह ने जब कार्यकारी सभापति को प्रस्ताव भेज दिया है उसके बाद विधान परिषद सचिवालय की तरफ से इससे संबंधित अधिसूचना जारी होगी। अधिसूचना जारी होने के बाद राबड़ी देवी सदन में विरोधी दल की नेता हो जाएंगी।