विधान परिषद चुनाव : अनंत सिंह के मास्टर साहब को सता रहा भितरघात का डर, क्या रीतलाल निभाएंगे साथ?

विधान परिषद चुनाव : अनंत सिंह के मास्टर साहब को सता रहा भितरघात का डर, क्या रीतलाल निभाएंगे साथ?

PATNA : स्थानीय निकाय कोटे से हो रहे बिहार विधान परिषद चुनाव में हर सीट पर कांटे का मुकाबला नजर आ रहा है। विधान परिषद चुनाव में सबसे हाई प्रोफाइल सीट पटना की मानी जा रही है। यहां तेजस्वी यादव से लेकर उनके विधायक अनंत सिंह तक की नाक दांव पर लगी हुई है। पटना सीट पर आरजेडी विधायक अनंत सिंह ने अपने खास कार्तिक सिंह को आरजेडी का टिकट दिलवाया है। उनका सीधा मुकाबला जेडीयू उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह से है लेकिन आरजेडी उम्मीदवार को भितरघात का डर सता रहा है।


सियासी जानकार मानते हैं कि पटना की सीट पर अगर आरजेडी को सफलता नहीं मिलती है तो इसकी सबसे बड़ी वजह भितरघात तो हो सकती है। इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड का कब्जा रहा है। जानकार मानते हैं कि पटना की सीट पर रितलाल का फैक्टर सबसे मजबूत फैक्टर होगा। 


आपको बता दें कि पहले इस सीट पर रितलाल यादव अपने परिवार के लिए टिकट चाहते थे। उनके भाई को टिकट दिए जाने की चर्चा भी थी लेकिन अनंत सिंह ने अपने करीबी कार्तिक सिंह के लिए टिकट की दावेदारी पेश कर दी। आरजेडी ने किसी तरह रीतलाल यादव को इसके लिए राजी भी कर लिया। कार्तिक सिंह के उम्मीदवारी की घोषणा खुद लालू प्रसाद यादव ने अपनी मौजूदगी में की थी। पिछले दिनों कार्तिक सिंह ने नामांकन किया तो रितलाल यादव भी उनके साथ खड़े थे। दानापुर से आरजेडी के विधायक का विधान परिषद पर काफी दबदबा माना जाता है।


कार्तिक सिंह के नामांकन के बाद रितलाल यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए मैसेज देते हुए लिखा था कि जिंदगी में एक ही उसूल रखो यारी में गद्दारी नहीं और गद्दारों से यारी नहीं.. रीतलाल यादव यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह पार्टी के फैसले के साथ हैं लेकिन चुनाव में कब कौन सा खेल हो जाए यह कोई नहीं बता सकता। 


हालांकि अब तक उनके सोशल मीडिया अकाउंट को देखकर यह नहीं लग रहा है कि उन्होंने कार्तिक सिंह के लिए कोई बहुत ज्यादा ताकत दिखाई हो। ऐसे में तेजस्वी यादव की परेशानी इस सीट पर बढ़ सकती है। एक तरफ तो यह अनंत सिंह के लिए नाक की लड़ाई बनी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ रितलाल यादव पर भी सबकी नजरें टिकी हुई है।