उत्तराखंड में भारी तबाही, ग्लेशियर टूटने से 19 की मौत, 200 से ज्यादा लोग लापता

उत्तराखंड में भारी तबाही, ग्लेशियर टूटने से 19 की मौत, 200 से ज्यादा लोग लापता

DESK :  उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुए बड़े हादसे में 19 लोगों की जान चली गई है. जबकि 200 से ज्यादा लोग लापता बताये जा रहे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन रात भर जारी रहा है. सुरक्षाबल अभी भी सुरंग में फंसे लोगों का रेस्क्यू कर रहे हैं. सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं. चमोली जिला प्रशासन ने 19 लोगों के शव मिलने की पुष्टि की है.


सरकार ने आपदा में मृतकों के परिवार को 6-6 लाख रुपये देने की घोषणा की है, जिसमें राज्य सरकार 4 और केंद्र सरकार 2 लाख रुपये देगी. सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं. चमोली पुलिस ने ट्वीट कर लोगों को सतर्क रहने को भी कहा है. रविवार की देर रात गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक  इस घटना में अबतक 19 लोगों के शव बरामद किए गए हैं. वहीं 25 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है जबकि 6 लोग घायल हैं. 


आपको बता दें कि ग्लेशियर टूटने के बाद सैलाब इतना तेज था कि PWD के पांच पुल भी बह गए. आईटीबीपी के जवानों ने एक सुरंग से 16 लोगों को बाहर निकाला है. वहीं, दूसरी सुरंग में 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है. सबसे पहले रैणी गांव के पास ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में सैलाब ने तबाही मचाई. पावर प्रोजेक्ट को ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को तहस-नहस कर दिया. सैलाब में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट 2005 में बना था. ये पावर प्रोजेक्ट 13 मेगावॉट से ज्यादा क्षमता का निजी प्रोजेक्ट है. इस पावर प्रोजेक्ट को लेकर कई विवाद भी रहेस हालांकि यहां पर बिजली उत्पादन शुरू हो गया था. इस प्रोजेक्ट में करीब 35 लोग काम करते थे, जिनमें चार पुलिसकर्मी की भी ड्यटी थी. दो छुट्टी पर थे और दो लापता हैं. करीब 30 लोग अभी भी लापता है.


आपदा में चमोली के विष्णुगाड-पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना और धौलीगंगा बिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा है. पीपलकोटी परियोजना अलकनंदा नदी पर है. तपोवन-विष्णुगाड परियोजना में 2978 करोड़, जबकि ऋषिगंगा परियोजना में 40 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया गया है.इसके अलावा करीब 1000 करोड़ के अन्य नुकसान का अनुमान है.


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बचाव और राहत कार्य सरकार की पहली प्राथमिकता है, इसमें पूूरी क्षमता से काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के मुताबिक चमोली में आई आपदा में कम से कम 125 लोगों के लापता होने की जानकारी है. नुकसान का आकलन जारी है, जबकि कारण भी पता लगाया जा रहा है.