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उत्तराखंड के टनल में फंसे पांचों बिहारी मजदूर पहुंचे अपने-अपने घर, परिजनों ने लगाया गले, गांव में खुशी का माहौल

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 01 Dec 2023 02:44:38 PM IST

उत्तराखंड के टनल में फंसे पांचों बिहारी मजदूर पहुंचे अपने-अपने घर, परिजनों ने लगाया गले, गांव में खुशी का माहौल

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PATNA: उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में फंसे बिहार के 5 मजदूरों की आज घर वापसी हो गयी। मौत के मुंह से निकले बिहार के इन पांच मजदूरों का पटना एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत हुआ। पटना एयरपोर्ट पर खुद बिहार के श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम समेत कई अधिकारी मौजूद थे जिन्होंने माला पहनाकर और गुलदस्ता देकर इन सभी का स्वागत किया। पटना एयरपोर्ट पर इनके परिजन भी मौजूद थे। भोजपुर के सबाह अहमद, सासाराम के सुशील कुमार, मुजफ्फरपुर के दीपक, छपरा के सोनू और बांका के वीरेंद्र के सकुशल वापसी से परिजन काफी खुश दिखे। पटना एयरपोर्ट से सभी मजदूर अपने-अपने घर के लिए रवाना हुए। 20 दिन बाद सभी अपने-अपने घर पहुंचे हैं।


दीपक जब मुजफ्फरपुर पहुंचा तो वहां फूल मालाओं के साथ उसका जोरदार स्वागत किया गया। गांव में पहुंचते ही लोगों की भारी भीड़ लग गयी। दीपक को सामने देख परिजन खुशी से झूम उठे। वही भोजपुर के सैफ उर्फ सबाह अहमद जब अपने गांव पहुंचा तो वहां भी उसे देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ गया। सबाह अहमद को देखकर परिजन काफी खुश हुए। बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था। गांव में लड्डू और मिठाईयां बांटी जाने लगी। घर के लोगों के आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे। 


मुजफ्फरपुर के गीजास गांव के रहने वाले मजदूर दीपक जैसे ही अपने गांव पहुंचा वैसे ही ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया । दीपक के गांव में पहुंचते ही लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दीपक को देखते ही परिजन खुशी से झूम उठे। इस दौरान दीपक ने अपनी आपबीती सुनाई। दीपक ने कहा कि पहले दो दिन काफी डर लग रहा था लेकिन उसके बाद सब कुछ धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो गया। गांव के ग्रामीण और हमारे चाहने वाले लगातार दुआ कर रहे थे। उन सभी की दुआ कबूल हुई इसी का नतीजा है कि आज हम सबके सामने हैं। मौत के मुंह से जिंदा निकलकर अपने घर पहुंचे हैं। 


वहीं दीपक के पिता ने रेस्क्यू करने वाले पूरी टीम और पीएम मोदी के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि जो संभव नहीं था उसकी व्यवस्था की गयी और सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान बचायी गयी। बेटा घर पहुंच गया है इससे बड़ी खुशी नहीं हो सकती। दीपक की सकुशल वापसी से परिजनों में जश्न का माहौल है। पूरे गांव के लोग दीपक की घर वापसी से खुश हैं। 


उधर भोजपुर निवासी मिस्बाह अहमद के 32 वर्षीय पुत्र सैफ ऊर्फ सबाह अहमद जब अपने गांव पेऊर पहुंचे तब गांव के लोगों ने उसका स्वागत किया। सबाह के घर लौटने से परिजन काफी खुश है। घर में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। सबाह के घर पहुंचने की खबर मिलते ही पूरे गांव के लोग इक्ट्ठा हो गये। सभी सबाह की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखे। बेटे सबाह के घर आने की खुशी में पिता मिस्बाह अहमद ने ग्रामीणों के बीच लड्डू और मिठाइयां बांटी। सबाह को देखते ही घरवालों के आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे। सबाह के घर की महिलाएं खुशी के गीत गाने लगी। वही अपने अब्बा को देखते ही बच्चे गले से लिपट गये। सबाह ने भी बच्चों को सीने से लगा लिया।