VARANASI: उत्तरप्रदेश में मुकेश सहनी लगातार रैली को संबोधित कर रहे हैं। इसी दरम्यान आज वाराणसी के सूजाबाद पड़ाव स्थित गंगा तट के मैदान में उन्होंने निषाद आरक्षण अधिकार जनचेतना रैली को संबोधित किया। इस मौके पर रैली में मौजूद बूढ़े और बच्चों को मुकेश सहनी ने हेलिकॉप्टर पर घुमाया। मुकेश सहनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निषाद समाज के समर्थन के बिना 2022 में सरकार बनना मुश्किल है। मैं सत्ता का सुख भोगने यूपी नहीं आया हूं मेरा मकसद निषाद समाज को उनका अधिकार एवं सम्मान दिलाना है।
विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक व बिहार सरकार में पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री सन् ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी ने निषाद आरक्षण अधिकार जनचेतना रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोई राम को मानता है कोई रहीम को,हम फूलन देवी जी को मानते हैं।हमारी आस्था फूलन जी में है और वही हमारे लिए पूज्यनीया व आदर्श हैं।उक्त बातें रोहनिया-वाराणसी के सूजाबाद-पड़ाव में गंगा तट के मैदान में वीआईपी के प्रदेश अध्यक्ष चौ. लौटनराम निषाद के संयोजकत्व व जिलाध्यक्ष सूचित कुमार साहनी की अध्यक्षता में आयोजित रैली को सम्बोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि मांगने से सिर्फ भीख मिल सकती है,अधिकार नहीं।
वीआईपी निषाद समाज सहित अतिपिछड़ों,वंचितों,अकलियतों को याचक नहीं शासक बनाने के लिए प्रयास कर रही है। विगत 25 जुलाई को हमने उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में अपनी आदर्श फूलन देवी जी की 18-18 फ़ीट ऊंची प्रतिमाएं उनकी 20 वीं पुण्यतिथि पर स्थापित कर माल्यार्पण हेतु भेजा,लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने व स्थापित करने से रोक दिया पर,हम भी मानने व डरने वाले नहीं,हम फूलन जी की 50 हजार मूर्तियाँ,5 लाख लॉकेट व 10 लाख कैलेंडर गाँव गाँव में बंटवाएँगे।
बिहार में हमारा गठबंधन हैं, वीआईपी पार्टी नीतीश कुमार जी के साथ हैं, बहन फूलन देवी की स्मृति को उत्तरप्रदेश सरकार ने नही लगाने दिया, लेकिन बिहार में बहन फूलन देवी जी की प्रतिमा हमने लगवाई। उन्होंने कहा कि अब श्रीराम-निषादराज की मित्रता के नाम पर उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार को निषाद समाज वोट नहीं करेगा।निषाद समाज को अनुसूचित जाति का आरक्षण व उनका अधिकार चाहिए।आरक्षण के शासनादेश व राजपत्र के बाद ही उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार को समर्थन दिया जाएगा।
साहनी ने कहा कि बिहार में हमारी पार्टी के 4 विधायक हैं और वीआईपी पार्टी राजग का अंग हैं।नीतीश कुमार को वीआईपी का समर्थन हैं, मिशन 2022 में वीआईपी अपने नाव चुनाव चिन्ह पर मजबूती से चुनाव लड़ाएगी।इसके लिए 169 सीटों को चिन्हित किया गया है,जहाँ निषाद, बिन्द, कश्यप का मजबूत आधार है।वीआईपी निषाद वोटबैंक आधारित सभी जाति, वर्ग व धर्म की पार्टी है।हम सबको साथ लेकर व सम्मान देकर आगे बढ़ेंगे।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक नेता स्वघोषित तौर पर अपने को पोलिटिकल गॉडफादर ऑफ फिशरमैन कहते हैं,पर निजी स्वार्थ में राजनीतिक धर्म भूलकर एक टिकट के लिए बंधक बन जाते हैं।
गोरखपुर के उपचुनाव में अपने बेटे को सपा से तो 2019 में उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार में शामिल कराकर चुनाव लड़वाते हैं और 2021 में स्वयं एमएलसी बन जाते हैं।यह कैसा गठबंधन और कहां गयी उनकी पार्टी?उनके पोस्टर से निषादराज का फोटो गायब है,अब उनकी जगह उत्तरप्रदेश सरकार के नेताओं का फोटो लग रहा है।हम संजय निषाद के नहीं, उनकी रीति-नीति व नियत का विरोधी हूँ।वीआईपी संस्थापक ने कहा कि जब पश्चिम बंगाल, उड़ीसा,दिल्ली में निषाद जातियों को एससी का आरक्षण है,तो उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखण्ड के मल्लाह,केवट, बिन्द, धीवर,कहार,तुरहा, माँझी को क्यों नहीं?हम मिशन-2022 में अपने बलबूते चुनाव लड़ाएंगे,जीतेंगे नहीं तो विरोधी को सैकड़ों सीटों पर हरा देंगे।
सूजाबाद में श्री मुकेश सहनी जी ने रैली में मौजूद बूढ़े,बच्चों को हेलीकॉप्टर पर घुमाया, बूढ़े-बच्चे हेलीकॉप्टर की सवारी कर बेहद खुश थे, उनके लिए यह एक सपने जैसा था। वीआईपी के प्रदेश अध्यक्ष चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि निषाद परजूनिया व कटपीस नहीं,थानवाली जातियों का समूह है।जिनका उत्तर प्रदेश में 16 प्रतिशत से अधिक आबादी है। उत्तरप्रदेश सरकार ने निषाद समाज का वोट ले सरकार बनाया,पर निषाद समाज को सामाजिक,आर्थिक अन्याय व राजनीतिक उपेक्षा का शिकार बनाया।बालू मोरंग खनन व मत्स्य पालन पेशा को सार्वजनिक रूप से नीलाम कर निषाद मछुआरों की रोजी रोटी छीन लिया। उन्होंने कहा कि कहाँ गया उत्तरप्रदेश सरकार का दृष्टि पत्र,चुनाव घोषणा पत्र व मछुआरा दृष्टि पत्र/फिशरमैन विज़न डाक्यूमेंट्स का संकल्प?
अनुसूचित जाति का आरक्षण का राजपत्र,शासनादेश व 1994-95 का परम्परागत पेशा सम्बंधित शासनादेश की बहाली नहीं तो उत्तरप्रदेश सरकार को समर्थन व उससे गठबंधन नहीं।निषाद ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने सेंसस-2021 में जातिगत आधार पर जनगणना कराने का वादा किया था,पर अब सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर ओबीसी की जनगणना कराने से मुकर रही है।जब एससी, एसटी,धार्मिक अल्पसंख्यक(मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध,जैन,पारसी,रेसलर), ट्रांसजेंडर, दिव्यांग के साथ साथ पेड़ों,जानवरों की गणना कराती है।जब हिजड़ों व जानवरों की गणना कराई जाती है,तो पिछडों व अगड़ों की क्यों नहीं?यह सरकार नफरत व बिखराव की राजनीति करती हैं ,यह सरकार कभी सामाजिक न्याय नहीं कर सकती।सरकारी संस्थानों का निजीकरण पिछडों,दलितों को प्रतिनिधित्व से वंचित करने की साज़िश है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि अभी नहीं तो कभी नहीं,अब उत्तर प्रदेश सरकार के वादे पर विश्वास नहीं।जब सामान्य वर्ग की जातियों को संविधान व सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था से परे जाकर 48 घण्टे के अंदर ईडब्ल्यूएस के नाम से 10 प्रतिशत आरक्षण कोटा दे दिया गया तो निषाद जातियों को देने में देरी क्यों? अनुराग सिंह यादव अन्नु व इं. अमित कुमार सिंह पटेल ने निषाद समाज की संस्कृति जुड़े प्रतीक मछली व धनुष बाण भेंट कर सन् ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी का स्वागत किया।
रैली को राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजाराम बिन्द, उमेश सहनी,राष्ट्रीय सचिव कृष्णा बिन्द, बिहार प्रदेश अध्यक्ष बालगोविंद बिन्द, उत्तर प्रदेश के प्रदेश महासचिव अनुराग सिंह यादव,रामानंद निषाद, प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश नारायण निषाद, अयोध्या प्रसाद निषाद, हरिशंकर निषाद,संतोष सोनकर,डॉ. मनोज निषाद, प्रदेश सचिव मनोज कुमार यादव,राजू निषाद,ओपी कश्यप,राजेश कुमार साहनी,निषाद विकास संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल निषाद, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्षा पुष्पादेवी निषाद,राधा बिन्द, सीमा कश्यप,हिमांचल साहनी,के के पांडेय,इंद्रजीत निषाद एड,ज़ीशान अहमद,इं.अमित कुमार सिंह पटेल,मिथलेश बिन्द,इंद्रजीत निषाद एड, अरबिंद कुमार बिन्द प्रधान,खुशबू श्रीवास्तव, दयाशंकर बिन्द, हिमांचल साहनी,प्रशांत कुमार सिंह उर्फ़ अंकुर सिंह,अरबिंद कुमार बिन्द प्रधान,दिनेश यादव,प्रदीप माँझी,दुर्गा माँझी ने सम्बोधित किया।