DESK : नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को दोषी करार दिया गया है। अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके गायत्री प्रजापति के साथ-साथ तीन लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। 12 नवंबर को अब कोर्ट गायत्री प्रजापति समेत तीन आरोपियों को सजा सुनाएगी। गायत्री प्रजापति अखिलेश सिंह यादव की सरकार में खनन मंत्री रह चुके हैं। उनके खिलाफ पास्को एक्ट के तहत सामूहिक दुष्कर्म का मामला चल रहा था। लखनऊ में एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने इस मामले में उन्हें दोषी करार दिया है।
गायत्री प्रजापति के साथ साथ गैंगरेप के मामले में आरोपी बनाए गए अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल और रूपेश्वर को कोर्ट में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। आपको बता दें कि 18 फरवरी 2017 को लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में एक कम्प्लेन दर्ज कराई गई थी। इसमें एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया। महिला का आरोप था कि उसकी मुलाकात पर चित्रकूट के राम घाट पर गंगा आरती के दौरान मंत्री गायत्री प्रजापति से हुई थी। साल 2014 से लेकर 17 तक पीड़िता के साथ आरोपियों द्वारा सामूहिक दुराचार करने का आरोप लगा। 17 अक्टूबर 2016 को पीड़िता ने डीजीपी से शिकायत की। जब पुलिस ने इस मामले में एक्शन नहीं लिया तो 16 फरवरी 2017 को हाईकोर्ट ने पीड़िता की शिकायत पर केस दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया। 18 जुलाई 2017 को गायत्री प्रजापति के साथ-साथ विकास वर्मा, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
बुधवार को कोर्ट ने जब पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को दोषी करार दिया तो वह न्यायालय में ही मौजूद थे। व्हीलचेयर पर कोर्ट लाए गए गायत्री प्रजापति कोर्ट के निर्णय के बाद बेहद हताश नजर आ रहे थे। अब इन दोषियों को 12 नवंबर के दिन सजा सुनाई जाएगी।