PATNA : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक की डिप्टी मैनेजर श्रद्धा गुप्ता ने आत्महत्या कर ली है. संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी लाश एक कमरे में मिली है. साथ ही एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है. जिसमें उसने राज्य के एक आईपीएस अधिकारी समेत तीन लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है. घटना सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
मामला रामनगरी अयोध्या का है. यहां कोतवाली नगर के अलीगढ़ थाना क्षेत्र के खवासपुरा में पीएनबी की महिला अधिकारी श्रद्धा गुप्ता की लाश शनिवार को अपने कमरे में फंदे से लटकी हुई पाई गई. श्रद्धा ख़्वासपुरा मोहल्ले में विष्णु अग्रवाल के घर में किराए पर रहती थी. लखनऊ के राजाजीपुरम की रहने वाली महिला अधिकारी की तरफ से सुसाइड की जानकारी पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया है. घटनास्थल से कथित तौर पर एक सुसाइड नोट मिला है. सुसाइड नोट में महिला ने एक आईपीएस और पुलिस अधिकारी समेत तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया है.
श्रद्धा के पिता राजकुमार गुप्ता की तहरीर पर तीनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है. स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (एसएसएफ) के हेड आशीष तिवारी, प्रधान आरक्षी अनिल रावत और मृतका के मंगेतर रहे विवेक गुप्ता के खिलाफ श्रद्धा गुप्ता को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपियों पर श्रद्धा गुप्ता को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा 306 लगाई गई है. परिजनों ने देर रात पोस्टमार्टम के बाद सरयू के रामघाट पर श्रद्धा का अंतिम संस्कार कर दिया. श्रद्धा ने सुसाइड नोट में अपना दर्द बयान किया है. उसने लिखा है कि "मेरे सुसाइड की वजह अशीष तिवारी, विवेक गुप्ता और अनिल रावत हैं। आई एम सॉरी फॉर दिस..."
गौरतलब हो कि जिस आईपीएस अफसर आइपीएस अफसर आशीष तिवारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, वह योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र सिंह उर्फ मोती सिंह के बड़े भाई वीरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ मानी सिंह के दामाद हैं. आशीष तिवारी अयोध्या में दीपक कुमार से पहले एसएसपी थे. सुसाइड नोट में फैजाबाद के एक पुलिसकर्मी अनिल रावत का भी नाम लिखा है, पुलिस ने इस नाम का व्यक्ति ढुंढवाया लेकिन कोई भी पुलिसकर्मी नहीं पाया गया.
मृतक के भाई रितेश गुप्ता ने बताया कि श्रद्धा गुप्ता ने बीबीडी से बीटेक किया था. वह एक जिंदा दिल लड़की थी, जो आत्महत्या नहीं कर सकती है. वह परिवार के लोगों को संभालती थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन तीन लोगों का नाम आ रहा है, उन्होंने श्रद्धा को हैरेस किया है. मामले की जांच होनी चाहिए. दोषी को पकड़ा जाए. श्रद्धा की बहन अंजली ने बताया कि पुलिस ने एफआईआर की कॉपी देने से इनकार किया तभी समझ मे आ गया कि वह आईपीएस आशीष तिवारी का नाम बाहर करना चाहते हैं. पुलिस की मंशा भांपकर घरवाले अड़ गए. मामला बढ़ता देख एसएसपी के हस्तक्षेप पर रात 10 बजे कॉपी दी गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में विवेक से श्रद्धा की शादी तय हो गई थी. इस दौरान दोनों में फ़ोन पर बातें शुरू हो गईं. कोरोना महामारी के कारण विवाह नहीं हुआ. कुछ दिन बाद श्रद्धा ने घरवालों को बताया कि विवेक की आदतें ठीक नहीं है. मैं ये शादी हरगिज नहीं करूंगी. इसके बाद शादी टूट गई, लेकिन विवेक श्रद्धा को तंग करता रहता था. उसने बताया था कि विवेक की आदते ठीक नहीं है, इसलिए मैं शादी नहीं करूंगी. पिता राजकुमार ने कई बार विवेक को समझाया, लेकिन विवेक धमकी देने लगा कि मेरी पहुंच बड़े-बड़े अधिकारियों से है. आप लोग मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकते. अब मुझे परेशान मत करना, नहीं तो आपकी बेटी का हश्र ठीक नहीं होगा.
इस मामले में एसएसपी शैलेश पांडेय का कहना है कि कमरे का दरवाजा तोड़कर खोला तो ऑफिसर की डेड बॉडी दुपट्टे से लटकी मिली. शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया मौके से मिले सुसाइड नोट की जांच कराई जाएगी. उसमें कुछ नाम हैं. वह नाम कैसे आए हैं, उसकी जांच की जा रही है. जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
इधर महिला बैंक कर्मी की आत्महत्या के मामले में आईपीएस अधिकारी का नाम सामने आने पर एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मामले में जो दोषी हैं उनपर कार्रवाई की जाएगी, विवेचना चल रही है अगर अधिकारी भी इस मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उनपर भी कार्रवाई की जाएगी. एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि मामले पर पुलिस हेडक्वार्टर भी अपनी नजर बनाए हुए है. वहीं, देर रात महिला बैंक कर्मी का अंतिम संस्कार कराए जाने पर प्रशांत कुमार ने कहा कि परिवार ने अपनी मर्जी से अंतिम संस्कार रात के वक्त किया है, पुलिस का कोई दबाव नहीं था.