मोदी के बजट से मांझी नाखुश, बोले- SC-ST वर्ग को खतरा, सरकारी कंपनियों को बेचने से विपक्ष दुःखी

मोदी के बजट से मांझी नाखुश, बोले-  SC-ST वर्ग को खतरा, सरकारी कंपनियों को बेचने से विपक्ष दुःखी

PATNA :  केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश कर दिया है. आज के बजट में बड़ी बात ये है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने सरकरी कंपनियों में निजीकरण को बढ़ाने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने BPCL, Air India, SCI,CCI, IDBI, BEML, Pawan Hans के निजीकरण का ऐलान किया है. ये सभी सरकारी कंपनियां काफी लंबे समय से घाटे में चल रही है और इन कंपनियों को घाटे से उबारने की तमाम विफल कोशिश के बाद सरकार ने इन्हें निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है. विपक्षी दल इसका काफी विरोध कर रहे हैं. इतना ही नहीं एनडीए में भी अब घमासान शुरू हो गया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने बजट के एलान के बाद काफी दुःख जताया है. मांझी इस बजट से खुश नहीं हैं.


सरकारी कंपनियां जो कि लंबे समय से घाटे में चल रही हैं, मोदी सरकार ने कंपनियों में अब और घाटा सहने के मूड में नहीं है. इसी कारण से इन्हें निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया गया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मोदी सरकार को निजीकरण से पहले प्राईवेट सेक्टर में आरक्षण का क़ानून बनाना चाहिए था. हालांकि सरकार ने ऐसा नहीं किया. मांझी ने ये भी कहा कि ऐसे बजट से आरक्षित वर्ग यानि कि एससी/एसटी तबके से आने वाले लोगों में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ेगा. 


केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में सरकरी कंपनियों में निजीकरण को बढ़ाने का ऐलान किया है. सरकारी कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं, जिनमें दो पब्लिक सेक्टर बैंक्स भी शामिल हैं और एक इश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में बजट पेश करते हए कहा कि  2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा गया है. 


वित्त मंत्री ने कहा कि आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन, कंटेनर कॉर्पोरेशन, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड में वित्त वर्ष 2021-22 में रणनीतिक बिक्री का काम पूरा हो जाएगा. एलआईसी में आईपीओ की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए कानून में संशोधन किया जाएगा. सीतारमण ने कहा कि घाटे में चल रही सार्वजनिक कंपनियों को बंद करने के तंत्र को तेज किया जाएगा और राज्यों को सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज लाया जाएगा.