Ahmedabad Plane Crash: कौन है 17 वर्षीय नाबालिग, जो विमान हादसे का बना गवाह? पुलिस ने की पूछताछ Bihar Election: NDA में शाह-मात का खेल तेज, नीतीश के मास्टरस्ट्रोक से खतरे में चिराग की पसंदीदा सीटें Bihar News: भूमि अधिग्रहण में मूल्य निर्धारण के लिए नई व्यवस्था, MVR को लेकर जारी हुआ यह निर्देश Bihar Crime News: 22 वर्षीय मूक-बधिर मजदूर की गोली मारकर हत्या, बदमाश फरार Bihar Crime News: 50 करोड़ की चरस के साथ तस्कर गिरफ्तार, पूरे देश में बांटने की थी योजना Bihar Crime News: सड़क किनारे अधेड़ का शव बरामद, बीती रात मछली पार्टी में हुआ था शामिल land registration Bihar: डिजिटल निबंधन से जमीन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुआ तेज, तीन महीने में हुए इतने आवेदन Bihar Crime News: महिला पुलिसकर्मी को अपराधियों ने मारी गोली, हालत गंभीर Bihar News: बिहार के किसानों के लिए खुशखबरी, इस ट्रिक से पैदावार कीजिए दोगुनी; खाद खरीदने की टेंशन खत्म Patna News: पटना के नए SSP बने कार्तिकेय शर्मा, जानिए... राजधानी में क्या होगी सबसे बड़ी चुनौती?
1st Bihar Published by: Updated Mon, 31 Oct 2022 07:45:46 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज चौथा और आखिरी दिन है। इस मौके पर व्रतियों का उत्साह बढ़ाने के लिए बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव छठ घाट पर पहुंचे और उन्होंने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर की आराधना की। तेजस्वी यादव ने अर्घ्य देने की कुछ तस्वीरें भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीटर हैंडल के माध्यम से लिखा है, सूर्योपासना, सदाचार, समता, प्रेम, आस्था, श्रद्धा, भक्ति, प्रकृति और लोक आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन आज उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण करने के साथ पर्व का समापन हुआ। आप सबों को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं। छठ मैया की कृपा सभी पर बनी रहे। जय हो छठी मईया।
आपको बता दें, आज यानी 31 अक्टूबर 2022 को सुबह अरुणोदय बेला में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने छठ का पारण किया। इस बार का छठ पूजा इस लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इस बार पूरे दो साल बाद लोगों ने बिना किसी पाबंदी के छठ पूजा मनाया। पिछले दो सालों से व्रती न तो छठ घाट पर जा रहे थे और न ही वे प्रसाद वितरण कर पा रहे थे। लेकिन इस बार उनके बीच छठ पूजा की धूम देखने को मिली। आपको बता दें, इस पावन पर्व पर महिलाएं कठिन व्रत रखते हुए सायंकाल में नदी तालाब या जल से भरे स्थान में खड़े होकर अस्ताचल गामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देती है और दीप जलाकर रात्रि जागरण करते हुए गीत, कथा के माध्यम से भगवान सूर्य नारायण की महिमा का बखान करती है।