तीसरी लहर को हल्का समझने की भूल मत करिए.. पटना में डॉक्टर समेत तीन की हुई मौत

तीसरी लहर को हल्का समझने की भूल मत करिए.. पटना में डॉक्टर समेत तीन की हुई मौत

PATNA : देश में कोरोना की तीसरी लहर फैलने के बाद अलग-अलग तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं। कोई इसे माइल्ड और हल्का बता रहा है तो कोई इससे सचेत रहने के लिए कह रहा है। लेकिन शुरुआती संक्रमण वाले दिनों के बाद अब तीसरी लहर भी लोगों के लिए जानलेवा साबित होने लगी है। कोरोना की तीसरी लहर को अगर आप हल्का समझने की गलती कर रहे हैं तो ऐसा ठीक नहीं। तीसरी लहर के दौरान राजधानी पटना में पहली बार 3 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। पटना में एक महिला डॉक्टर समेत तीन लोगों की मौत कोरोना से हो गई है। इतना ही नहीं रविवार को संक्रमण के आंकड़े में भारी उछाल हुआ है। संक्रमण दर तीन पीस दी से बढ़कर 21.94 फीसदी तक जा पहुंचा है। 


पटना के पीएमसीएच में 2 महीने बाद पहली बार किसी कोरोना मरीज की मौत हुई है। यहां इलाज करा रहे एसपी सिंह की मौत हो गई। वह मोकामा के हाथीदह के रहने वाले थे। इसके अलावा फुलवारी के रहने वाले 50 साल के मनोज कुमार सिंह की मौत पटना एम्स में इलाज के दौरान हुई है। पटना पीएमसीएच में गाइनी की पूर्व अध्यक्ष और जानी-मानी डॉ प्रमिला गुप्ता की मौत भी कोरोना की वजह से हो गई है। पीएमसीएच में 7 डॉक्टर रविवार को पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि एनएमसीएच में 4 डॉक्टर समेत 13 पैरामेडिकल स्टाफ पॉजिटिव निकले हैं। महावीर कैंसर संस्थान में भी डॉक्टरों के बीच कोरोना फैला है। यहां 17 डॉक्टर और 30 पारा मेडिकल स्टाफ संक्रमित पाए गए हैं। उधर पटना एम्स में 20 डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ संक्रमित मिले हैं। 


विशेषज्ञों की राय में डायबिटीज हाई ब्लड प्रेशर और दूसरी तरह की बीमारियों वाले लोगों के लिए कोरोना की तीसरी जानलेवा है। ऐसे मरीजों को खास सतर्कता बरतने की जरूरत है। थोड़ी सी भी लापरवाही उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। हल्का लक्षण दिखने के बाद उन्हें तुरंत डॉक्टरों के संपर्क में आना चाहिए। इतना ही नहीं ठंड से भी ऐसे मरीजों को बचाव करने की जरूरत है क्योंकि हेमरेज के केसों की भी संख्या बढ़ी है। कुल मिलाकर कोरोना की तीसरी अभी शुरुआती दिनों में है थोड़ा वक्त और गुजरने के बाद मालूम पड़ेगा कि अगर इसके हल के रहने का दावा किया जा रहा था तो यह दावा सही है या गलत। विशेषज्ञों की राय में कोरोना वैक्सिनेशन के कारण ही अब तक तीसरी लहर में उस तरह से लोगों की जान नहीं जा रही है जैसा पिछली लहर में नजर आया था।