PATNA : बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव खुद को 'भावी सीएम' मान बैठे हैं। तेजस्वी भले ही खुद को 'भावी सीएम' माने लेकिन सहयोगी दलों को इस पर एतराज हैं। वहीं सत्तापक्ष इसे ख्याली पुलाव बता मजे ले रहा है।
तेजस्वी यादव ने जब खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनाए जाने और लालू प्रसाद यादव के 11वीं बार अध्यक्ष बनने पर जो प्रतिक्रिया दी तो उनकी मंशा जगजाहिर हो गयी कि वे सीएम बनने का ख्वाब पाले बैठे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए कभी रेस में था ही नहीं। उन्होनें कहा कि मुझे नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिली है उसे सम्भाल रहा हूं। पार्टी ने सीएम पद के लिए जो प्रस्ताव पारित किया है उसे देख रहा हूं।
इस मसले पर राजद साफ कर चुका है कि तेजस्वी ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। लेकिन कांग्रेस इसे जहां आरजेडी का अंदरुनी मसला बता रही है और चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री उम्मीदवार तय करने की बात कह रही है तो वहीं दूसरी सहयोगी हम भी महागठबंधन की बैठक में नेता का नाम तय होने की बात कह रही है।
इधर जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने इस पूरे प्रकरण पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार बिहार के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं और सीएम का कोई पद खाली नहीं है। तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष के लिए आवेदन करना चाहिए।