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PATNA : स्वास्थ्य मंत्री और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य में पिछले दिनों डेंगू से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं अब मोतिहारी के सदर अस्पताल में भर्ती दो बच्चियों की इलाज में लापरवाही के कारण मौत हो गई है। इसके बाद इन बच्चियों के परिजनों ने जमकर बवाल मचाया। हालांकि, अस्पताल पर मौजूद गार्ड और अकादमी के पल पर मामला शांत करवाया गया उसके बाद सिविल सर्जन ने इस मामले में जांच की बात कही।
दरअसल, एसएनसीयू में 2 नवजात इलाज के लिए भर्ती किये गए थे। मगर भर्ती हुए नवजात के देखभाल के लिए मात्र एक नर्स थी। दो की कहीं अलग ड्यूटी लगा दी गयी थी। जिसके कारण नवजात का ठीक से देख भाल नहीं हो सका और दोनों नवजात ने दम तोड दिया। एक नवजात के परिजन मधुबन के तो दूसरा आदापुर के थे।
वहीं, बच्चा के दम तोड़ने पर उसके परिजनों ने जमकर बवाल मचाया। उनके तरफ से अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाना शुरू कर दिया गया। इसके बाद मामले को बढ़ते देख अस्पताल में मौजूद गार्ड और उनकर्मियों ने किसी तरह परिजनों को समझा बूझकर शांत करवाया। इसके बाद यह मामला वरीय मेडिकल पदाधिकारी के पास पहुंचा। इसके बाद सिविल सर्जन ने इस मामले की जांच करने की बात कही।
वहीं, इस संबंध में एसएनसीयू के नोडल अधिकारी डॉक्टर कुमार अमृतासु ने बताया की एक शिफ्ट में तीन नर्स की ड्यूटी होती है। मगर दो नर्स की ड्यूटी कही और लगा देने के कारण एक नर्स की ड्यूटी होने के कारण ठीक से बच्चों की देख भाल नहीं हो सकी।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की सोमवार को जांच होगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी।