PATNA: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इन दिनों जातिगत जनगणना को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हैं।जातिगत जनगणना को लेकर तेजस्वी ने एक बार फिर ट्वीट के माध्यम से बीजेपी पर हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने बीजेपी से सवाल पूछा है कि वह जातिगत जनगणना से क्यों डर रही है।
तेजस्वी ने पूछा है कि जब अनूसूचित जाति/ जनजाति और सभी धर्मों की गिनती हो सकती है तो सवर्ण, पिछड़े, अति पिछड़ों और दलितों की गिनती क्यों नहीं हो सकती है। तेजस्वी ने कहा है कि बिहार में जातिगत जनगणना होने से यह पता चल सकेगा कि वास्तव में कमजोर वर्ग के लोगों की कितनी संख्या है। जातिगत जनगणना होने से सरकारी योजनाओं का लाभ उन लोगों तक पहुंच सकेगा जिनको वास्तव में उसकी जरूरत है।
तेजस्वी लिखते हैं कि, "Scientific और authentic डेटा के बिना कोई भी सरकार गरीब, वंचित और उपेक्षित वर्गों का सर्वांगीण विकास कर ही नहीं सकती। जब अनुसूचित जाति/जनजाति और सभी धर्मों की गणना होती है तो पिछड़े/अतिपिछड़े एवं उच्च वर्गों की जनगणना क्यों नहीं हो सकती? भाजपा जातीय गणना से क्यों डर रही है?
इससे पहले भी तेजस्वी ने जातिगत जनगणना को लेकर भाजपा घोर सामाजिक न्याय विरोधी पार्टी बताया था। उन्होंने बीजेपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय पर हमला बोलते हुए लिखा था कि, भाजपा घोर न्याय विरोधी पार्टी है। बिहार विधानसभा से जातिगत जनगणना कराने का हमारा प्रस्ताव दो बार सर्वसम्मति से पारित हो चुका है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राय ने लिखित में जातिगत जनगणना कराने से मना कर दिया है। बिना इसके बिहार में कोई जनगणना नहीं होनें देंगे।
बता दें कि जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के सभी दलों का एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री से मुलाकात कर चुका है। अन्य दलों के साथ साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार में जातिगत जनगणना कराने की बात कही थी। इसके लिए बिहार में दोनों ही सदनों से प्रस्ताव भी पारित हो चुका है।ऐसे में अब तेजस्वी इस मुद्दे को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर बने हुए हैं।