PATNA : एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर दिए बयान पर तेजस्वी यादव ने सफाई दी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए इस तरह का बयान दिया था। हालांकि अपनी सफाई पेश करते करते तेजस्वी ने एक बार फिर द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी पर सवाल खड़ा कर दिया। तेजस्वी ने कहा कि देश में जब अराजकता का माहौल हो उस समय राष्ट्रपति ही लोगों की आखिरी उम्मीद होता है। ऐसे में देश को एक ऐसे मजबूत राष्ट्रपति की जरुरत है जो हर स्थिति को संभाल सके।
तेजस्वी ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया है बल्कि पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने ऐसी बात कही थी। उन्होंने कहा कि कोई भी मतदाता उम्मीदवार को ठीक तरह से जांचने परखने के बाद अपना वोट देता है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को इंतजार होता है कि जो भी प्रत्याशी है वो कुछ बोले लेकिन द्रौपदी मुर्मू को बोलते हुए नहीं सुना। बीजेपी के लोग आज महिलाओं की सम्मान की बात कर रहे हैं लेकिन उन्हें पता नहीं कि महिलाओं का सम्मान कैसे किया जाता है।
तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी के लोग महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानते हैं। जब यूपीए की सरकार ने प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया था तो उस समय बीजेपी के लोग क्यों विरोध कर रहे थे। तेजस्वी ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू से उनका कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। द्रौपदी मुर्मू अच्छी महिला हैं लेकिन राष्ट्रपति ऐसा होना चाहिए जो संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करे। देश में जब अराजकता और नफरत का माहौल हो ऐसे में एक मजबूत राष्ट्रपति की जरुरत होती है जो हर स्थिति को संभाल सके।
दरअसल, तेजस्वी यादव ने बीते दिनों एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर कहा था कि राष्ट्रपति भवन में किसी मुर्ति को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को बैठाना है। आरजेडी नेता ने तंज कसते हुए कहा था कि हमने द्रौपदी मुर्मू को बोलते हुए कभी नहीं सुना है। इस बयान के बाद से NDA के सभी दल तेजस्वी यादव पर लगातार हमलावर बने हुए हैं और तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अपने उस बयान पर सफाई देते हुए तेजस्वी ने आज एक बार फिर द्रौपदी मुर्मू पर सवाल उठा दिया है। ऐसे में तेजस्वी के इस बयान को लेकर बिहार की राजनीत एक बार फिर से गर्मा सकती है।