PATNA: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसे लेकर सभी सियासी दलों ने कमर कस ली है. जेडीयू-आरजेडी के बीच जहां पोस्टर वॉर छिड़ा हुआ है तो वहीं लालू के कुनबे से नीतीश को सत्ता से बेदखल करने का दावा लगातार किया जा रहा है. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे हैं. लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव आम तौर पर एक्टिव पॉलिटिक्स के खुद को दूर रखते हैं. ऐसे में लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है. लेकिन तेजस्वी यादव कभी-कभी अचानक से अदृश्य हो जाते हैं.
अचानक गायब हो जाते हैं तेजस्वी
देश में चल रहे किसी भी बड़े मुद्दे के वक्त तेजस्वी यादव अचानक से गायब हो जाते हैं. अभी पूरे देश में जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन चल रहा है. पूरा विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी की सरकार को घेर रहा है. इसके साथ ही मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद बुलाया गया है, लेकिन तेजस्वी यादव इस बार भी अचानक से कहीं गायब हो गये हैं. तेजस्वी यादव अक्सर ट्विटर पर एक्टिव रहते हैं. ट्वीट करके तेजस्वी अमूमन नीतीश सरकार और बीजेपी सरकार को घेरते हैं, लेकिन इन दिनों तेजस्वी यादव ट्विटर पर भी एक्टिव नहीं हैं. तेजस्वी यादव ने आखिरी बार 1 जनवरी को ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लोगों को नये साल की बधाई दी थी.
तेजस्वी कर रहे हैं 'अदृश्य पॉलिटिक्स'
1 जनवरी के बाद बिहार की सियासत में भी कई बार सरगर्मी देखने को मिली. नये साल की शुरुआत में बिहार में 'भूतों की सियासत' भी हुई. जिस पर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने भी ट्वीट करके नीतीश सरकार पर हमला बोला. इसके बाद जेडीयू-आरजेडी के बीच पोस्टर वॉर शुरू हो गया. फिर नीतीश कैबिनेट के मंत्री नीरज कुमार ने तेजस्वी के एजुकेशन पर सीधे सवाल भी खड़े किये, लेकिन तेजस्वी यादव को इन सबों से कोई फर्क नहीं पड़ा. ऐसा लग रहा है कि नये साल में तेजस्वी यादव गायब ही हो गये हैं. एक बार फिर से तेजस्वी कहीं अदृश्य हो गये हैं. अब देखने वाली बात ये है कि कब तेजस्वी यादव एक बार फिर से प्रकट होते हैं, और बिहार की सत्ता से नीतीश कुमार को बेदखल करने की रणनीति बनाते हैं.