तेजस्वी यादव बोले-आनंद मोहन की रिहाई में गलत क्या है, वो कानूनी तरीके से सजा काट कर रिहा हुए हैं

तेजस्वी यादव बोले-आनंद मोहन की रिहाई में गलत क्या है, वो कानूनी तरीके से सजा काट कर रिहा हुए हैं

DELHI: डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी आनंद मोहन की रिहाई पर देश भर में छिड़े विवाद के बीच बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इस मामले पर चुप्पी तोडी है. तेजस्वी ने कहा है-आनंद मोहन की रिहाई में कुछ गलत नहीं है. इस पर कंट्रोवर्सी क्या है।


दिल्ली पहुंचे तेजस्वी यादव ने पटना से रवाना होते वक्त इस मामले पर बोलने से इंकार कर दिया था. दिल्ली में पत्रकारों ने उनसे आनंद मोहन की रिहाई के मामले पर सवाल पूछा. तेजस्वी यादव जवाब देने से बचते ही नजर आये. चलते चलते उन्होंने कहा-आनंद मोहन की रिहाई में विवाद क्या है. अपना सजा उन्होंने काटा है, जो लीगल तरीका है, कानूनी तरीका है उससे वो रिहा हुए हैं अपनी सजा काट कर. मीडिया ने सवाल पूछा कि सुशील मोदी सवाल उठा रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि सुशील मोदी ही तो मांग कर रहे थे कि रिहा कर दीजिये, रिहा कर दीजिये. 


राजद के प्रवक्ता ने किया गुणगान 

राजद के प्रवक्ता भी आनंद मोहन की रिहाई को पूरी तरह से सही फैसला बता रहे हैं. राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा-आदरणीय आनंद मोहन जी ने पूरे नियम, कायदे, कानून के साथ पूरी सजा काटी. जेल में जो उनका व्यवहार रहा, सभ्य नागरिकों की तरह उन्होंने वहां पुस्तकें लिखी. उन्होंने आदर्श प्रस्तुत किया. जेल में रहकर भी उन्होंने जिस तरीके से नियम, कायदे, कानून को माना. इसलिए उन्हें रिहा किया गया. इसको लेकर जो सवाल खड़े किये जा रहे हैं वह समझ में नहीं आता है.


उधर, आनंद मोहन को जेल से रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर विवाद बढ़ता जा रहा है. सेंट्रल आईएएस एसोसियेशन ने आनंद मोहन की रिहाई का कड़ा विरोध किया है. सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने कहा है-हम गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी स्वर्गीय जी कृष्णैया की नृशंस हत्या के दोषी नियमों में बदलाव कर रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर गहरी निराशा व्यक्त करते हैं. एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की जघन्य हत्या के दोषी को कम जघन्य श्रेणी में डाला नहीं जा सकता है।


सरकार ने नियमों में फेरबदल किया जिससे ड्यूटी पर तैनात एक अधिकारी के सजायाफ्ता हत्यारे की रिहाई हो रही है. ये किसी को न्याय से वंचित करने के समान है. इस तरह के फैसले से लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है,  पब्लिक आर्डर को कमजोर किया जाता है और न्याय का मजाक उड़ाया जाता है. आईएएस एसोसियेशन ने कहा है कि हम हम दृढ़ता से अनुरोध करते हैं कि बिहार सरकार जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करे.


उधर, स्व. जी. कृष्णैया की पत्नी औऱ बेटी मीडिया के सामने आयी हैं. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा है-क्या यही इंसाफ है कि एक दलित और इमानदार अफसर के हत्यारे को जेल से छोड़ा जा रहा है. क्या जी. कृष्णैया का कसूर यही था कि वे बिहार में काम करने गये थे. दिवंगत डीएम की पत्नी ने कहा है कि वे बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही हैं. 


जी.कृष्णैया की पत्नी टी. उमा देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीतीश जी को अच्छा लोग नहीं मिला होगा इसलिए क्रिमिनल आनंद मोहन को रिहा कर रहे हैं. ऐसा आदमी जेल से  छूट गया तो सारे क्रिमिनल को बढ़ावा मिलेगा. मेरे पति के हत्यारे को फांसी होनी चाहिये या उसको जिंदगी भर जेल में रहना चाहिये. उमा देवी ने नीतीश कुमार से कहा है-क्या यही इंसाफ है, केवल अपनी राजनीति मत सोचिये, पब्लिक के बारे में सोचिये. अपनी सरकार को बनाने के लिए आप अपराधियों को जेल से छोड़ रहे हैं.


अब स्व. जी. कृष्णैया की पत्नी औऱ बेटी मीडिया के सामने आयी हैं. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा है-क्या यही इंसाफ है कि एक दलित और इमानदार अफसर के हत्यारे को जेल से छोड़ा जा रहा है. क्या जी. कृष्णैया का कसूर यही था कि वे बिहार में काम करने गये थे. दिवंगत डीएम की पत्नी ने कहा है कि वे बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही हैं. 


जी.कृष्णैया की पत्नी टी. उमा देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीतीश जी को अच्छा लोग नहीं मिला होगा इसलिए क्रिमिनल आनंद मोहन को रिहा कर रहे हैं. ऐसा आदमी जेल से  छूट गया तो सारे क्रिमिनल को बढ़ावा मिलेगा. मेरे पति के हत्यारे को फांसी होनी चाहिये या उसको जिंदगी भर जेल में रहना चाहिये. उमा देवी ने नीतीश कुमार से कहा है-क्या यही इंसाफ है, केवल अपनी राजनीति मत सोचिये, पब्लिक के बारे में सोचिये. अपनी सरकार को बनाने के लिए आप अपराधियों को जेल से छोड़ रहे हैं.