PATNA : बिहार में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल को नसीहत देते हुए कहा था कि शराबबंदी को सफल बनाने का जिम्मा विपक्ष के लोगों पर भी है. नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार में अगर जहरीली शराब से मौत हो रही है और कहीं शराब माफिया एक्टिव हैं तो उसे रोकना केवल सरकार का काम नहीं बल्कि विपक्ष को भी इसमें पहल करनी चाहिए. नीतीश कुमार की यही बात नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अब स्वीकार कर ली है. तेजस्वी यादव के निर्देश पर आरजेडी के नेताओं की एक टीम बनाई गई है जो गोपालगंज में जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच करेगी.
गोपालगंज जहरीली शराबकांड की जांच के लिए आरजेडी ने जो टीम बनाई है, उसकी अध्यक्षता पूर्व विधायक शिवचंद्र राम को सौंपी गई गई. इनके अलावा इस टीम में पूर्व विधायक रियाजुल-हक़-राजू, विधायक राजेश कुशवाहा और विधायक प्रेम शंकर प्रसाद शामिल हैं. वहीं, पार्टी के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार राम को कार्यालय समन्वयक बनाया गया है.
आरजेडी की यह टीम घटनास्थल पर जाकर सभी चीजों का मुआयना करेगी. जांच की रिपोर्ट सात दिनों के अन्दर पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सौंपी जानी है. जांच से लेकर पार्टी ऑफिस में रिपोर्ट सौंपने का जिम्मा कार्यालय समन्वयक पर होगा.
आपको बता दें कि बीते 3 नवंबर को गोपालगंज जिले के मोहम्मदपुर में जहरीली शराबकांड का मामला सामने आया था. इसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी. तब से ही विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर रहा. सोमवार को जनता दरबार के बाद नीतीश कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधा.
नीतीश ने तेजस्वी का बिना नाम लिए ही कहा था कि कुछ लोग शराबबंदी को लेकर पेपर में स्टेटमेंट दे देते हैं, इससे कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह कानून 2016 में बहुत अनुसंधान के बाद बना था. उन्होंने कहा कि आज जो बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन जब सरकार में थे, तो उस समय शराबबंदी कानूना का हाथ उठाकर समर्थन करते थे. लेकिन आज विपक्ष में है, तो इसका विरोध कर रहे हैं. विपक्ष में बैठे लोगों को अगर लगता है कि गड़बड़ी हो रही है तो इसकी जांच करें. जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपे. मामले के सत्यापन के बाद जो भो दोषी पाए जाएंगे उनपर कार्रवाई होगी. इसके बाद आज आरजेडी ने जांच टीम का गठन किया है.