DELHI : महाराष्ट्र में हुए सियासी ड्रामे ने JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का मार्केट और टाइट कर दिया है. सूत्रों के हवाले से खबर ये आ रही है कि प्रशांत किशोर को तमिलनाडु में DMK के चुनावी प्रबंधन का काम मिल गया है. प्रशांत किशोर और DMK प्रमुख एम के स्टालिन के बीच बातचीत हुई है.
तमिलनाडु में रणनीति बनायेंगे प्रशांत किशोर
सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक प्रशांत किशोर की बात DMK प्रमुख एम के स्टालिन से हुई है. हालांकि तमिलनाडु में दो साल बाद यानि 2021 में चुनाव होने हैं. लेकिन सूबे के राजनीतिक दलों ने अभी से ही रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है. तमिलनाडु की सियासत के दो धुरंधर करूणानिधि और जयललिता के निधन के बाद वैक्यूम की स्थिति है. हालांकि लोकसभा चुनाव में DMK ने 38 सीटें जीत ली थी. लेकिन उसे कमल हासन और रजनीकांत जैसे फिल्मी सितारों से कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है. सियासत में उतरे दोनों फिल्मी सितारों ने आपसी तालमेल के भी संकेत दिये हैं. ऐसे में स्टालिन अभी से ही चुनावी तैयारियों में जुट जाना चाहते हैं. वैसे चर्चा ये भी है कि प्रशांत किशोर कमल हासन के भी संपर्क में हैं. लेकिन कमल हासन ने उनकी बात बन नहीं रही है.
महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे का हुआ फायदा
सियासी गलियारे में हो रही चर्चाओं के मुताबिक प्रशांत किशोर को महाराष्ट्र में हुए सियासी ड्रामे का फायदा मिला है. चर्चा यही है कि प्रशांत किशोर शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सलाहकार थे और उनकी सलाह पर ही ठाकरे ने बीजेपी से तालमेल खत्म कर कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिलाया. हालांकि इन खबरों की पुष्टि कभी उद्धव ठाकरे या उनकी पार्टी ने नहीं की लेकिन प्रशांत किशोर का मार्केट वैल्यू जरूर बढ़ गया.
पश्चिम बंगाल में भी मिल चुका है काम
प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का काम मिल चुका है. बंगाल में भी 2021 में विधान सभा चुनाव होने हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सफलता से चिंतित ममता बनर्जी ने अभी से चुनावी तैयारियों में लग जाने का फैसला लिया है. प्रशांत किशोर उन्हें बीजेपी से निपटने का रास्ता बता रहे हैं. बंगाल में अभी हुए उप चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को मिली सफलता भी प्रशांत किशोर के खाते में गई है.
प्रशांत किशोर ने इससे पहले आंध्र प्रदेश में YSR कांग्रेस के लिए रणनीति तैयार की थी. इसी साल हुए लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधान सभा चुनाव में जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस को भारी सफलता मिली थी. विधानसभा के कुल 175 सीटों में जगन की पार्टी ने 151 सीटों पर कब्जा जमा लिया.