72 साल के आशिक मिजाज BJP नेता चिन्‍मयानंद की कहानी, बुढ़ापा आने पर यौन शोषण केस में फिर फंसे

72 साल के आशिक मिजाज BJP नेता चिन्‍मयानंद की कहानी, बुढ़ापा आने पर यौन शोषण केस में फिर फंसे

DESK : BJP नेता चिन्‍मयानंद, आज यह नाम सोशल मीडिया पर सुर्ख़ियों में छाया हुआ है. ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम हर जगह चिन्‍मयानंद की कहानी ही दिख रही है. यूट्यूब पर चिन्‍मयानंद से जुड़े कई वीडियो ट्रेंड कर रहे हैं. बुढ़ापे की उम्र में स्वामी पर इस तरह का ये कोई पहला आरोप नहीं लगा है. इससे पहले भी उन पर एक महिला ने इसी तरह के गंभीर आरोप लगाए थे. आज लाखों की संख्या में दर्शक और पाठक के मन में यही सवाल चल रहा है कि बुढ़ापे की उम्र में यौन शोषण में फंसे आखिर स्वामी चिन्मयानंद हैं कौन ? कृष्णपाल सिंह से स्वामी जी और चिन्मयानंद बनने का सफर इन दिनों स्वामी चिन्मयानंद का नाम सुर्खियों में हैं. उन पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा है. मामले की जांच एसआईटी कर रही है. लेकिन हर किसी के जेहन में सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर शाहजहांपुर में इस बाबा ने अपना इतना बड़ा साम्राज्य कैसे खड़ा कर लिया. शाहजहांपुर में अपना साम्राज्य स्थापित करने वाले स्वामी जी असल में यूपी के गोंडा के रहने वाले हैं. सारी दुनिया इन्हें स्वामी चिन्मयानंद के नाम से जानती है. मगर इनका असली नाम कृष्णपाल सिंह है. लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल करने वाले स्वामी जी बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक रह चुके हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं चिन्मयानंद भाजपा के बड़े नेता रहे चिन्मयानंद पहली बार बीजेपी के टिकट पर यूपी की बदायूं लोकसभा सीट से साल 1991 में सांसद चुने गए. साल 1998 में उत्तर प्रदेश के मछलीशहर और ठीक एक साल बाद 1999 में जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. इतना ही नहीं वाजपेई सरकार में स्वामी चिन्मयानंद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं. मुख्यमंत्री के रूप में स्वामी के पसंद थे योगी राम मंदिर आंदोलन में भी स्वामी चिन्मयानंद ने गोरखपुर की गोरक्षा पीठ के महंत और पूर्व सांसद अवैद्यनाथ के साथ मिलकर बड़ी भूमिका निभाई थी. माना जाता है कि उन्हें सांसद बनवाने में भी महंत अवैद्यनाथ की अहम भूमिका थी. जिसके बाद से वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी बन गए. जब 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी को बंपर जीत मिली तो मुख्यमंत्री के नाम के लिए स्वामी चिन्मयानंद ने ही योगी का नाम आगे किया था. 72 साल के बुढ़ापे की उम्र में लगा यौन शोषण का गंभीर आरोप 72 साल चिन्मयानंद अपने इस एसएस कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाना चाहते थे. जिसके लिये उन्होंने योगी सरकार को मना भी लिया था. मगर तभी बुढ़ापे की उम्र में उन पर यौन शोषण के आरोप का यह मामला सामने आ गया. स्वामी पर इस तरह का ये कोई पहला आरोप नहीं लगा है. इससे पहले भी उन पर एक महिला ने इसी तरह के आरोप लगाए थे.