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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 May 2023 07:17:33 PM IST
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PATNA: नीतीश सरकार ने बिहार में 1 लाख 78 हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली का फैसला लिया है। नीतीश कैबिनेट ने शिक्षक नियमावली 2023 पर अपनी मुहर लगा दी है। अब BPSC के माध्यम से बिहार में शिक्षकों की बहाली की जाएगी। बिहार में होने वाली शिक्षक बहाली को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश-तेजस्वी पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जिन्होंने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, वे 9 माह में एक आदमी को भी नौकरी नहीं दे पाए। दूसरी तरफ पहले से नियुक्त लोगों को दोबारा नियुक्ति-पत्र बाँटने का फोटो-सेशन करा कर धोखा देने की कोशिश की गई। सुशील मोदी ने कहा कि 10 लाख नौकरी के वादे से ध्यान भटकाने के लिए अब नई नियमावली के तहत बीपीएससी परीक्षा के माध्यम से 1.78 लाख नये स्कूली शिक्षकों की भर्ती का सपना दिखाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस शिक्षक भर्ती का ढिढोरा पीटा जा रहा है, उसे लागू करने के लिए लगभग 11000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे, जबकि इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया। जब सरकार के शिक्षकों को महीनों तक वेतन और विश्वविद्यालय शिक्षकों को पेंशन नहीं दे पाती, तब नये शिक्षकों को वेतन कहाँ से देगी? क्या उन्हें भी वेतन के लिए महीनों प्रतीक्षा करनी पड़ेगी?
सुशील मोदी ने कहा कि 4 लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को सरकारी शिक्षक बनाने और सातवें चरण की भर्ती का इंतजार करते हजारों सुपात्र अभ्यर्थियों को अवसर दिये बिना नई नियमावली से शिक्षकों की भर्ती करने पर अड़े रहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। नई भर्ती के बाद किसी भी विद्यालय में हर विषय के लिए दो तरह के शिक्षक होंगे और उनके मासिक वेतन में 5 हजार से 13 हजार रुपये तक का बड़ा अंतर होगा। सरकार समान काम के लिए अलग-अलग वेतनमान देकर शिक्षकों को लड़ाना चाहती है। इससे स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और माहौल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।